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बरेली में मौलाना शहाबुद्दीन का शांति का संदेश: नमाज के बाद भीड़ से बचें

बरेली में मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने जुमे की नमाज से पहले मुसलमानों से अपील की है कि वे नमाज के बाद किसी भी तरह की भीड़ में शामिल न हों। उन्होंने पिछले जुमे की दुखद घटना का जिक्र करते हुए सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया। मौलाना ने इमामों से भी राजनीति से दूर रहने और मस्जिदों में शांति बनाए रखने की सलाह दी। जानें उनके संदेश का महत्व और समाज में शांति बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
 

जुमे की नमाज से पहले मौलाना का महत्वपूर्ण बयान

बरेली में जुमे की नमाज से पूर्व, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने मुसलमानों से अनुरोध किया है कि वे नमाज अदा करने के बाद किसी भी प्रकार की भीड़ में शामिल न हों। पिछले जुमे को हुई एक दुखद घटना का उल्लेख करते हुए मौलाना ने कहा कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सतर्क रहना आवश्यक है। इस शुक्रवार को भी जुमे की नमाज होगी, और मौलाना ने सभी से शांति और अनुशासन बनाए रखने की अपील की है.


शांति और अनुशासन की आवश्यकता

मौलाना शहाबुद्दीन ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा, "मैं सभी मुसलमानों से निवेदन करता हूं कि जुमे की नमाज के बाद सीधे अपने घर लौटें। चौक-चौराहों पर भीड़ न लगाएं। यदि कोई व्यक्ति या संगठन आपको धरना-प्रदर्शन या सभा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है, तो कृपया न जाएं।" उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी गतिविधियों से बचकर समाज में शांति और भाईचारे को बनाए रखा जा सकता है.


मस्जिदों में शांति का संदेश

मौलाना ने मस्जिदों के इमामों से भी विशेष अपील की है। उन्होंने कहा कि कुछ इमाम राजनीति में शामिल हो जाते हैं, जो उचित नहीं है। "इमामों को सोच-समझकर निर्णय लेने होंगे और राजनीतिक गतिविधियों से दूरी बनानी होगी।" मौलाना ने बरेली के वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए इमामों से अनुरोध किया कि वे अपनी मस्जिदों में शांति का वातावरण बनाए रखें। इसके साथ ही, उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे किसी भी प्रकार के उकसावे में न आएं। मौलाना ने जोर देकर कहा कि यदि कोई संगठन या व्यक्ति भीड़ जुटाने के लिए बुलाता है, तो उसका समर्थन न करें.