बरेली में धर्मांतरण के आरोपी की गिरफ्तारी, 200 से अधिक लोगों को प्रेरित करने का आरोप
धर्मांतरण की समस्या
धर्मांतरण एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है, जिसके चलते देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। इस समस्या के कारण कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है। हालांकि, पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते इस मामले में कुछ कमी आई थी, लेकिन अब भी छोटे स्तर पर लोग इसका शिकार हो रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बरेली से एक नई खबर आई है, जहां एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारी की जानकारी
बरेली जिले की फरीदपुर थाना पुलिस ने 200 से अधिक लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को इस मामले की जानकारी दी। बरेली दक्षिणी क्षेत्र की अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अंशिका वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान लालजी के रूप में हुई है, जो मऊ जिले का निवासी है। उनके पास से मिले दस्तावेजों और पुस्तकों से यह स्पष्ट होता है कि वह धर्म परिवर्तन करवा रहा था।
पुलिस की जांच
एएसपी ने बताया कि आरोपी के संपर्कों और आर्थिक स्रोतों की जानकारी के लिए पुलिस गहन जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार, लालजी अब तक 200 से अधिक लोगों का धर्मांतरण कर चुका था, जिनके नाम उसने अपनी डायरी में दर्ज किए थे। उसके कमरे से बाइबिल और चार डायरी भी बरामद की गई हैं। पुलिस आरोपी के बैंक खातों और मोबाइल पर हुई बातचीत की जानकारी भी जुटा रही है।
आरोपों की गंभीरता
पुलिस ने बताया कि सोमवार को सभी विधिक प्रक्रियाओं के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया। लालजी पर आरोप है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर और अशिक्षित हिंदू महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को रुपये, नौकरी, मकान और विवाह जैसे प्रलोभनों के जरिए ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था।
जागरूकता और कार्रवाई
हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता सुनील कुमार ने जब इस मामले की जानकारी प्राप्त की, तो उन्होंने आरोपी की सभा में जाकर इसकी पुष्टि की और पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद कार्रवाई की गई। पुलिस को मिली चार डायरी से और भी जानकारी सामने आने की संभावना है, जिसमें क्षेत्र के कई लोगों के नाम दर्ज हैं।
आरोपी का बैकग्राउंड
फरीदपुर के थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राधेश्याम ने बताया कि डायरी में दर्ज नामों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आरोपी ने उन सभी का धर्मांतरण कर दिया है। लालजी 2002 में फरीदपुर आया था और पहले वह मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। 2008 में ब्रेन हेमरेज के बाद वह दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हुआ, जहां वह एक डॉक्टर और नर्स से प्रभावित हुआ।