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बरेली में अनोखे लुटेरे गैंग का पर्दाफाश, पत्नी का इस्तेमाल कर करते थे लूट

बरेली पुलिस ने एक अनोखे लुटेरे गैंग का खुलासा किया है, जो लूट के लिए अपनी पत्नियों का सहारा लेते थे। ये लुटेरे सीधे-साधे पेंशनरों को निशाना बनाते थे और उन्हें ऑटो में बैठाकर लूट लेते थे। पुलिस ने इस गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से लूटी हुई राशि भी बरामद की है। जानिए इस गैंग की पूरी कहानी और उनकी चालाकियों के बारे में।
 

बरेली पुलिस की कार्रवाई


बरेली पुलिस ने एक अनोखे लुटेरे गैंग का खुलासा किया है, जो लूट की घटनाओं में अपनी पत्नियों का सहारा लेते थे। ये लुटेरे सीधे-साधे पेंशनरों और सरकारी कर्मचारियों को अपना निशाना बनाते थे। बैंक के बाहर, वे अपनी पत्नियों को मेकअप कराकर ऑटो रिक्शा में बैठाकर सवारी बनाते थे। जब लोग इनकी बातों में आकर बैठ जाते थे, तो ये उन्हें दूर ले जाकर लूट लेते थे। पुलिस ने एसओजी की मदद से इस गैंग के दो पति-पत्नी सहित पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से लगभग एक लाख रुपये की लूटी हुई राशि भी बरामद की है।


गिरोह में आदिल और शबा, असगर और नूरी पति-पत्नी हैं, जबकि उस्मान अली इस गिरोह का सलाहकार है। नूरी और शबा मिलकर इस गैंग का संचालन करती थीं।


बरेली में पिछले एक साल से बैंक से निकलने वाले लोगों के साथ लूट की घटनाओं में वृद्धि हुई थी। पुलिस ने एसओजी टीम के साथ मिलकर इन घटनाओं का खुलासा करने का प्रयास किया। उस्मान अली पहले से ही उन लोगों की रेकी करता था, जो पेंशन या तनख्वाह निकालने के लिए बैंक जाते थे।


जब कोई व्यक्ति बैंक से बाहर आता, तो ये लोग अपनी पत्नियों को सवारी के रूप में बैठाकर उन्हें ऑटो में ले लेते थे। भोले-भाले लोग इनकी चालाकियों में फंस जाते थे। इसके बाद, ये लोग ऑटो को खराब होने का बहाना बनाकर लूट लेते थे। पुलिस के अनुसार, इस गैंग ने अब तक आठ लूट की घटनाओं को स्वीकार किया है।


कोतवाली पुलिस ने इस गैंग का पर्दाफाश करते हुए बताया कि ये लोग पहले बैंक में जाकर उन लोगों को देखते थे, जो कैश निकालने आते थे। जैसे ही कोई व्यक्ति कैश लेकर बाहर आता, ये लोग उसे ऑटो में बैठाकर लूट लेते थे। गैंग की महिलाएं ध्यान भटकाने का काम करती थीं। पुलिस ने इस गैंग से 93 हजार रुपये से अधिक की राशि बरामद की है। पूछताछ जारी है।