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बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में ई-रिक्शा और साइकिलों का आगमन, हरित परिवहन को बढ़ावा

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने अपने परिसर को आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ग्रीन कैंपस पहल के तहत, विश्वविद्यालय को 5 ई-रिक्शे और 15 साइकिलें प्रदान की गई हैं। यह कदम न केवल परिवहन को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी कम करेगा। जानें इस पहल के पीछे का उद्देश्य और इसके लाभ।
 

भोपाल में ग्रीन कैंपस पहल

भोपाल


बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) ने अपने परिसर को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ग्रीन कैंपस अभियान के तहत, विश्वविद्यालय को 5 ई-रिक्शे प्रदान किए गए हैं, जिससे अब परिसर के भीतर यात्रा करना आसान, सस्ता और प्रदूषण रहित होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन का उद्देश्य बीयू परिसर को आईआईटी के मानकों के अनुरूप विकसित करना है, जहां हरित परिवहन को प्राथमिकता दी जाएगी। पहले, छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को लंबी दूरी तय करने के लिए निजी वाहनों या ऑटो पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे ईंधन की खपत और प्रदूषण बढ़ता था। ई-रिक्शा के संचालन से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और परिसर में सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन विकल्प उपलब्ध होंगे.


एसबीआई का योगदान
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत बीयू को 5 ई-रिक्शे प्रदान किए। एसबीआई के महाप्रबंधक कुंदन ज्योति ने कुलगुरु प्रोफेसर एस.के. जैन को ई-रिक्शों की चाबियां सौंपीं। इस अवसर पर कुल सचिव डॉ. अनिल शर्मा, डीजीएम साई कृष्णश्रीधर, फाइनेंस कंट्रोलर सगीरा सिद्दीकी और एसबीआई शाखा प्रबंधक पूजा गोयल भी उपस्थित थे.


साइकिलों को भी मिलेगा बढ़ावा
इसके साथ ही, यह भी घोषणा की गई कि परिसर को और हरित बनाने के लिए विश्वविद्यालय को 15 साइकिलें भी दी जाएंगी। कुलगुरु प्रोफेसर एस.के. जैन ने बताया कि भविष्य में विभिन्न विभागों में साइकिलें उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि छात्र और कर्मचारी छोटी दूरी के लिए साइकिल का उपयोग कर सकें.


पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम
ई-रिक्शा और साइकिलों के माध्यम से, बीयू प्रशासन न केवल परिवहन व्यवस्था में सुधार कर रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ जीवनशैली को भी बढ़ावा दे रहा है। यह पहल विश्वविद्यालय को आईआईटी जैसे आधुनिक, स्वच्छ और हरित शैक्षणिक परिसरों की श्रेणी में लाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है.