बम निरोधक दस्ते में नौकरी पाने के तरीके और आवश्यक योग्यताएँ
बम निरोधक दस्ते की भूमिका और महत्व
दिल्ली के लाल किले के निकट हुए कार बम विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर दिया है। ऐसे खतरनाक हालात में बम निरोधक दस्ते की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। ये बहादुर जवान अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। स्कूल, हवाई अड्डे, उच्च न्यायालय या स्टेडियम जैसी जगहों पर बम की धमकी मिलने पर ये टीमें तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच करती हैं और विस्फोटक को निष्क्रिय करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बम निरोधक दस्ते में नौकरी कैसे प्राप्त की जा सकती है और इसके लिए कौन सी शैक्षणिक योग्यताएँ आवश्यक हैं?
बम निरोधक दस्ते में नौकरी कैसे प्राप्त करें?
बम निरोधक दस्ते में कार्य करना एक जोखिम भरा और जिम्मेदारी से भरा कार्य है। ये टीमें पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बलों (जैसे CRPF, BSF, CISF, NSG) या राज्य आपदा प्रबंधन विभागों के अंतर्गत कार्य करती हैं। इसमें शामिल होने के लिए दो मुख्य रास्ते हैं।
पुलिस या सुरक्षा बल के माध्यम से
पहला तरीका यह है कि किसी पुलिस विभाग या अर्धसैनिक बल में भर्ती होना आवश्यक है। इसके बाद विशेष प्रशिक्षण लेकर बम निरोधक इकाई या एंटी-सैबोटेज स्क्वाड में शामिल हो सकते हैं।
सेना के माध्यम से
दूसरा तरीका भारतीय सेना में शामिल होना है। इसके बाद इंजीनियरिंग कोर या आर्मी ऑर्डनेंस कोर में प्रशिक्षण लेकर बम डिस्पोजल यूनिट में तैनाती प्राप्त की जा सकती है।
योग्यता और प्रशिक्षण
बम निरोधक दस्ते में सीधी भर्ती नहीं होती। उम्मीदवार को पहले किसी पुलिस या सुरक्षा बल में चयनित होना पड़ता है, उसके बाद विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
- कांस्टेबल / सिपाही: 10वीं या 12वीं पास बेसिक पुलिस ट्रेनिंग + बम निरोधक कोर्स
- सब-इंस्पेक्टर / तकनीकी अधिकारी: ग्रेजुएशन या डिप्लोमा (इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, फिजिक्स) NSG या DRDO द्वारा Explosive Handling कोर्स
- तकनीकी विशेषज्ञ (Technician): बीटेक / डिप्लोमा (इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल) Explosive Detection & Disposal ट्रेनिंग
इन प्रशिक्षित विशेषज्ञों की टीम संदिग्ध वस्तुओं की जांच करती है, विस्फोटक को पहचानती है और आवश्यकता पड़ने पर उसे सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय करती है। ये देश की सुरक्षा के नायक कहलाते हैं।