बदलते मौसम में छोटे बच्चों में फ्लू के लक्षण: जानें डॉक्टरों से
बदलते मौसम में बच्चों में फ्लू के लक्षण
बदलते मौसम में बच्चों को फ्लूImage Credit source: Rebecca Nelson/The Image Bank/Getty Images
5 साल से छोटे बच्चों में फ्लू के लक्षण: मौसम में हो रहे बदलाव के साथ फ्लू के मामलों में भी वृद्धि देखी जा रही है। विशेष रूप से 5 साल से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती। इसलिए, माता-पिता के लिए यह जानना आवश्यक है कि छोटे बच्चों में फ्लू के लक्षण क्या होते हैं, ताकि समय पर पहचान कर उचित उपचार किया जा सके।
5 साल से कम उम्र के बच्चों में फ्लू के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम से भिन्न और गंभीर हो सकते हैं। इनमें तेज बुखार, लगातार खांसी, गले में खराश, भूख में कमी, थकान, सांस लेने में कठिनाई और पेट से संबंधित समस्याएं शामिल हो सकती हैं। ये सभी संकेत बताते हैं कि बच्चा फ्लू से प्रभावित हो चुका है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि ये लक्षण कब प्रकट होते हैं और कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
5 साल से छोटे बच्चों में फ्लू के सामान्य लक्षण:
1. बुखार: गाजियाबाद के जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के डॉ. विपिन चंद्र उपाध्याय के अनुसार, फ्लू का पहला संकेत बुखार होता है। यह अचानक शुरू होता है और 101 से 103 डिग्री तक पहुंच सकता है। सामान्य सर्दी के बुखार से यह भिन्न होता है, क्योंकि इसमें बच्चा जल्दी थक जाता है और सुस्ती महसूस करता है। यदि बुखार 2-3 दिन से अधिक रहता है, तो यह फ्लू का संकेत हो सकता है।
2. खांसी और जुकाम: नाक से पानी जैसा पतला म्यूकस निकलना, जो बाद में गाढ़ा हो जाता है, फ्लू का लक्षण हो सकता है। इसमें लगातार खांसी और नाक बहने के साथ-साथ छींकें भी बढ़ जाती हैं। ऐसे लक्षणों के कारण बच्चे ठीक से सो नहीं पाते और चिड़चिड़े हो जाते हैं।
3. गले में खराश: फ्लू वायरस गले को प्रभावित करता है, जिससे बच्चों में गले में दर्द, खराश या जलन हो सकती है। कई बार खाना या तरल पदार्थ पीने में भी कठिनाई होती है। यह संकेत बताता है कि फ्लू गले तक पहुंच चुका है।
4. भूख में कमी: फ्लू का एक और संकेत भूख का कम होना है। छोटे बच्चे दूध, पानी या खाना खाने से मना कर सकते हैं। कभी-कभी बच्चे खाने के नाम से ही परेशान हो जाते हैं, जिससे उनका शरीर कमजोर हो जाता है।
5. थकान और चिड़चिड़ापन: फ्लू के कारण बच्चे जल्दी थक जाते हैं और खेल-कूद में रुचि नहीं रखते। ऐसे में बच्चे ज्यादातर समय लेटे रहते हैं और बिना वजह रोते हैं। माता-पिता को इस पर ध्यान देना चाहिए और समय पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
6. सांस लेने में कठिनाई: फ्लू का असर फेफड़ों पर भी पड़ता है, जिससे सांस लेने में परेशानी, सीने में घरघराहट या तेज सांसें लेने जैसे लक्षण प्रकट हो सकते हैं। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
7. उल्टी या दस्त: कभी-कभी बच्चों में फ्लू के साथ पेट की समस्याएं भी होती हैं, जैसे उल्टी, मतली या दस्त। इसके कारण बच्चों में कमजोरी आ सकती है और पानी की कमी हो सकती है, जो खतरनाक साबित हो सकती है।