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बच्चों की परवरिश में माता-पिता की 7 गलतियाँ और सुधार के उपाय

बच्चों की परवरिश एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसमें माता-पिता अक्सर कुछ गलतियाँ कर देते हैं। इस लेख में हम उन 7 सामान्य गलतियों के बारे में चर्चा करेंगे, जो माता-पिता बच्चों के प्रति करते हैं और उनके सुधार के उपाय बताएंगे। जानें कि कैसे बच्चों के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाकर उनकी परवरिश को बेहतर बनाया जा सकता है।
 

बच्चों की परवरिश में सुधार की आवश्यकता

7 mistakes of parents make children angry, change your habits for good upbringing


बच्चों की परवरिश एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। उनके भविष्य को संवारने के लिए कभी सख्ती बरतनी पड़ती है तो कभी प्यार से समझाना होता है। इस प्रक्रिया में कई माता-पिता अपने गुस्से को बच्चों पर उतार देते हैं। बच्चों पर चिल्लाना, हर बात पर डांटना, या प्यार की कमी रखना, ये सब उनके अंदर गुस्से को बढ़ावा देते हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि माता-पिता अपनी गलतियों को पहचानें और उनमें सुधार करें। आइए जानते हैं कि बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए किन आदतों में बदलाव लाना चाहिए।


माता-पिता को किन आदतों में बदलाव लाना चाहिए:


बच्चों को अपमानित करना: यदि आप बच्चों के साथ सम्मान से बात नहीं करते या उन्हें सार्वजनिक रूप से डांटते हैं, तो इससे उनके अंदर गुस्सा पैदा होता है। याद रखें, जितना अधिक आप उन्हें सम्मान देंगे, वे उतना ही सकारात्मक व्यवहार सीखेंगे।


गुस्से में अनुशासन सिखाना: जब आपका बच्चा गुस्से में हो, तो उसे अनुशासन सिखाने का प्रयास करें, लेकिन थोड़ी देर बाद। गुस्से में सिखाने से वह और भी चिढ़ जाएगा। पहले खुद को शांत करें, फिर अनुशासन की बात करें।


मूड के अनुसार सिखाना: कई माता-पिता खराब मूड में बच्चों को अनुशासन सिखाते हैं, जबकि अच्छे मूड में उन्हें छूट देते हैं। इससे बच्चे भ्रमित हो जाते हैं। इसलिए, नियमों का पालन हर समय करें।


एक ही बात को बार-बार कहना: यदि आप एक ही बात को बार-बार दोहराते हैं, तो बच्चे चिढ़ जाते हैं। बेहतर है कि आप उन्हें संक्षेप में समझाएं।


घर का माहौल: यदि घर में नकारात्मकता है, तो इसका बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे बच्चे बाहर भी गुस्सैल हो जाते हैं।


माता-पिता का व्यवहार: यदि माता-पिता एक-दूसरे के प्रति सम्मान दिखाते हैं और बच्चों के सामने एक-दूसरे की बुराई नहीं करते, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


नकारात्मक बातें करना: यदि आप हमेशा शिकायत करते रहते हैं, तो बच्चे भी नकारात्मकता को अपनाने लगते हैं। इसलिए, अपनी आदतों में बदलाव करें और बच्चों को गुस्से में आने से रोकें।