फेफड़ों के कैंसर: भारत में बढ़ते मामलों की चिंता
फेफड़ों के कैंसर का बढ़ता खतरा
हर वर्ष देश में हजारों लोग फेफड़ों के कैंसर का शिकार बनते हैं। यह गंभीर बीमारी अक्सर तब सामने आती है जब स्थिति काफी गंभीर हो जाती है। 2022 में, इस बीमारी के 1 लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए थे।
यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। हम सभी जानते हैं कि सिगरेट और बीड़ी का सेवन फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है। पुरुषों में इस बीमारी के मामले अधिक देखे जाते हैं, क्योंकि उनमें धूम्रपान की प्रवृत्ति अधिक होती है।
हालांकि, यह समझना जरूरी है कि धूम्रपान न करने वाले लोग भी इस बीमारी से सुरक्षित नहीं हैं। आजकल, फेफड़ों का कैंसर तेजी से उन लोगों में फैल रहा है, जिन्होंने कभी सिगरेट का सेवन नहीं किया। इसके पीछे का कारण धूम्रपान का धुआं और औद्योगिक प्रदूषण है। इस लेख में, हम फेफड़ों के कैंसर के लक्षण और इससे बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे।
फेफड़ों के कैंसर के लक्षण
1. खांसी में खून आना
2. सांस लेने में कठिनाई या जल्दी हांफ जाना
3. लगातार खांसी जो ठीक नहीं होती
4. सीने में दर्द या भारीपन
5. अचानक वजन कम होना या भूख में कमी
6. बार-बार फेफड़ों में संक्रमण होना
7. आवाज में बदलाव या भारीपन
फेफड़ों के कैंसर का इलाज
सर्जरी: यह आमतौर पर स्टेज 1 के फेफड़ों के कैंसर में किया जाता है, जहां कैंसर केवल फेफड़ों में होता है। इस स्थिति में, कैंसर प्रभावित हिस्से को हटा दिया जाता है।
रेडियोथेरेपी: कई मामलों में, जब मरीज सर्जरी के लिए तैयार नहीं होते, तब रेडियोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। यह कैंसर को कम करने में मदद करता है।
कीमोथेरेपी: जब अन्य दोनों उपचार प्रभावी नहीं होते और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, तब कीमोथेरेपी का सहारा लिया जाता है।