फारूक अब्दुल्ला का बयान: जम्मू-कश्मीर का राज्य दर्जा बहाल न होने पर उच्चतम न्यायालय जाने का इरादा
जम्मू-कश्मीर के राज्य दर्जे पर फारूक अब्दुल्ला का बयान
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को स्पष्ट किया कि यदि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने में अत्यधिक देरी होती है, तो उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय का सहारा लेगी।
फारूक अब्दुल्ला ने अनंतनाग जिले के कोकेरनाग क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'चुनाव के बाद लोगों की अपेक्षाएं थीं कि उनके मुद्दों का त्वरित समाधान हो, लेकिन राज्य का दर्जा बहाल न होने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है। लोगों की कई मांगें हैं, जैसे कि वे चाहते हैं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अल्ताफ कालू को मंत्री बनाया जाए, लेकिन जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं होता, यह कैसे संभव है?'
उन्होंने आगे कहा, 'हम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन यदि केंद्र सरकार इसमें देरी करती है, तो हमारे पास उच्चतम न्यायालय जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। मुझे उम्मीद है कि जब राज्य का दर्जा बहाल होगा, तो हमें सभी अधिकार मिलेंगे।'
इजराइल-ईरान संघर्ष पर टिप्पणी करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि वह प्रार्थना करते हैं कि अल्लाह दोनों देशों को युद्ध रोकने की समझ दे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं दुआ करता हूं कि अल्लाह इजराइल और ईरान दोनों को सद्बुद्धि दे और (डोनाल्ड) ट्रंप को भी समझ दे, ताकि वह शांति की बात करें। मुद्दों का समाधान केवल शांतिपूर्ण तरीके से ही संभव है।'
इससे पहले, अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमलावर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों और ड्रोन जैसी तकनीकों के बावजूद बैसरन तक पहुंचने में सफल रहे।
उन्होंने सवाल उठाया, 'केंद्र ने कहा कि हमने यहां आतंकवाद को समाप्त कर दिया है, तो फिर ये हमलावर कहां से आए? हमारे पास इतनी सुरक्षा है, फिर भी ये चार हमलावर कहां से आए?' उन्होंने यह भी कहा कि हम अभी तक पहलगाम के हमलावरों का पता नहीं लगा पाए हैं। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।'