फरीदाबाद पुलिस ने 'डॉक्टर टेरर ग्रुप' मामले में की बड़ी कार्रवाई
दिल्ली ब्लास्ट के संदर्भ में जांच की प्रगति
दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी.
फरीदाबाद पुलिस ने दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े 'डॉक्टर टेरर ग्रुप' मामले की गहराई से जांच की है। इस मामले में पुलिस ने रेड्स और खुलासों की एक टाइमलाइन साझा की है। एनआईए और अन्य जांच एजेंसियां भी इस मामले की जांच कर रही हैं, लेकिन फरीदाबाद पुलिस के इनपुट महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।
इस मामले की जांच 30 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग से शुरू हुई। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सर्च वारंट के साथ फरीदाबाद पहुंचकर स्थानीय पुलिस कमिश्नर को सूचित किया। उसी दिन अल-फलाह यूनिवर्सिटी से मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया और उसे ट्रांजिट रिमांड पर जम्मू-कश्मीर ले जाया गया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की फरीदाबाद में फिर से एंट्री
8 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फिर से फरीदाबाद का दौरा किया। मुजम्मिल से पूछताछ के दौरान कुछ हथियार और विस्फोटक के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद, फरीदाबाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी और अन्य स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें एक सिल्वर रंग की कार से असॉल्ट राइफल, पिस्टल, और कारतूस बरामद किए गए।
358 किलो विस्फोटक की बरामदगी
9 नवंबर को दौज इलाके में एक बिल्डिंग से 12 सूटकेस मिले, जिनमें 358 किलो विस्फोटक और अन्य सामग्री थी। बॉम स्क्वॉड ने इसे सुरक्षित रूप से जम्मू पुलिस को सौंप दिया।
दिल्ली में ब्लास्ट की घटना
10 नवंबर को, फतेहपुर तगा में अमोनियम नाइट्रेट और अन्य सामग्री बरामद की गई। उसी दिन शाम को लालकिले के पास एक ब्लास्ट हुआ, जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया। इस घटना में उमर नामक व्यक्ति शामिल था, जिसने खुद को ब्लास्ट कर दिया।
खण्डावली गांव में संदिग्ध वाहन की खोज
30 अक्टूबर को मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद, उमर फरार हो गया। उसकी लोकेशन नूह मेवात में मिली। एक संदिग्ध रेड कलर की इको स्पोर्ट गाड़ी खण्डावली गांव में पाई गई, जिसे फरीदाबाद पुलिस ने सीज कर दिया।
वासिब और मुस्तकिल की गिरफ्तारी
13 नवंबर को वासिब को गिरफ्तार किया गया, जो उमर के संपर्क में था। उसी दिन एक सिल्वर रंग की ब्रीजा कार भी यूनिवर्सिटी में मिली। 14 नवंबर को मुस्तकिल को हिरासत में लिया गया, जो चाइना से MBBS कर चुका था और अल-फलाह यूनिवर्सिटी में इंटर्नशिप कर रहा था।