प्रोफेसर महान एमजे: गणितज्ञ से साधु बनने की प्रेरक कहानी
प्रोफेसर महान एमजे का परिचय
कौन हैं प्रोफेसर महान एमजे?Image Credit source: Infosys Science Foundation
प्रोफेसर महान एमजे: हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नेशनल साइंस अवार्ड 2025 का वितरण किया, जिसमें 24 वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार में प्रोफेसर महान एमजे का नाम भी शामिल है, जिन्हें गणित और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में यह पुरस्कार मिला है। उनकी साधु जीवनशैली और गणित के प्रति प्रेम ने उन्हें फिर से चर्चा में ला दिया है।
आइए जानते हैं कि IIT कानपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद गणित को समर्पित करने वाले प्रोफेसर महान एमजे कौन हैं और उन्हें साधु क्यों कहा जाता है।
प्रोफेसर महान एमजे का जीवन
प्रोफेसर महान एमजे का परिचय
प्रोफेसर महान एमजे रामकृष्ण मिशन से जुड़े हुए हैं। उन्हें महान महाराज या स्वामी विद्यानंद के नाम से भी जाना जाता है। उनका असली नाम महान मित्रा है। वह आध्यात्मिकता के साथ-साथ गणित में भी गहरी रुचि रखते हैं। उनकी गणितज्ञ के रूप में पहचान विश्वभर में है, और उनका गणित के प्रति झुकाव ग्रेजुएशन के बाद और भी मजबूत हुआ। वह अंग्रेजी, हिंदी और बंगाली में धाराप्रवाह हैं और थोड़ी तमिल भी जानते हैं।
शिक्षा और करियर
IIT कानपुर से बीटेक और गणित में रुचि
प्रोफेसर महान एमजे ने अपनी स्कूली शिक्षा कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेजिएट स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में दाखिला लेने के लिए JEE मेन परीक्षा दी, जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया स्तर पर 67वीं रैंक हासिल की और IIT कानपुर में प्रवेश लिया। यहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।
इसके बाद उन्होंने गणित के प्रति अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए 1992 में गणित में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और फिर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में प्रोफेसर एंड्रयू कैसन के मार्गदर्शन में Ph.D. की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1997 में अपनी डॉक्टरेट पूरी की और 1998 में इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैथमेटिकल साइंसेज, चेन्नई में शामिल हो गए।
आध्यात्मिकता की ओर झुकाव
आध्यात्मिकता की ओर झुकाव और साधु जीवन
1998 में इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैथमेटिकल साइंसेज में शामिल होने के बाद, प्रोफेसर महान एमजे का झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ा। वह रामकृष्ण मिशन से जुड़े और 2008 में उन्होंने सन्यास लिया, जिससे उन्होंने दुनियादारी को छोड़कर अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की। हालांकि, गणित के प्रति उनका प्रेम कभी कम नहीं हुआ। वह 2015 तक रामकृष्ण मिशन विवेकानंद यूनिवर्सिटी में गणित के प्रोफेसर और रिसर्च के डीन रहे और वर्तमान में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई में गणित के प्रोफेसर हैं।
गणित में योगदान
गणित के क्षेत्र में उनके योगदान
प्रोफेसर महान एमजे के गणित में योगदान की बात करें तो उनका सबसे महत्वपूर्ण कार्य कैनन-थर्स्टन मैप्स के अस्तित्व का प्रमाण है। इसके अलावा, उन्होंने हाइपरबोलिक ज्योमेट्री, लो-डाइमेंशनल टोपोलॉजी, ज्योमेट्रिक ग्रुप थ्योरी और कॉम्प्लेक्स ज्योमेट्री में भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। वह हाइपरबोलिक मीट्रिक स्पेस पर आधारित पुस्तक के लेखक भी हैं। उन्हें शांति स्वरूप भटनागर स्मृति, मैथमेटिक्स इंफोसिस जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।