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प्रियंका गांधी ने वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के ऋण माफी पर मोदी सरकार की आलोचना की

प्रियंका गांधी ने वायनाड में हाल ही में हुए भूस्खलन के पीड़ितों के ऋण माफी से इनकार करने पर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बड़े व्यवसायों के लिए ऋण माफी में संकोच नहीं करती, जबकि पीड़ितों की मदद नहीं की जा रही है। केरल उच्च न्यायालय ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की निंदा की है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक निहितार्थ।
 

भूस्खलन पीड़ितों के ऋण माफी पर मोदी सरकार की निंदा

वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने पहाड़ी क्षेत्र में आए विनाशकारी भूस्खलन के पीड़ितों के ऋण माफ करने से इनकार करने पर नरेंद्र मोदी सरकार की तीखी आलोचना की। इस भूस्खलन ने वायनाड की मेप्पाडी ग्राम पंचायत के अंतर्गत चूरलमाला और मुंडक्कई नामक दो गांवों को आंशिक रूप से नष्ट कर दिया। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इस निर्णय को "चौंकाने वाला" बताते हुए केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की।


केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए प्रियंका का बयान

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह वायनाड भूस्खलन पीड़ितों का कर्ज माफ करने में असफल रही है, जबकि बड़े व्यवसायों के लिए ऋण माफी में कोई संकोच नहीं करती। एक बयान में उन्होंने केरल उच्च न्यायालय के उस रुख पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार भूस्खलन पीड़ितों का कर्ज माफ नहीं कर सकती। प्रियंका ने कहा कि वह उच्च न्यायालय की इस टिप्पणी से सहमत हैं कि केंद्र ने पीड़ितों की जरूरत के समय उन्हें निराश किया है।


केरल उच्च न्यायालय की भी मोदी सरकार पर टिप्पणी

इससे पहले, केरल उच्च न्यायालय ने भी भूस्खलन में बचे लोगों के ऋण माफ करने से इनकार करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की थी। यह टिप्पणी एक मामले पर विचार करते हुए आई, जिसे अदालत ने स्वतः संज्ञान में लिया था। 30 जुलाई, 2024 को वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में हुए भूस्खलन में 266 लोग मारे गए और 32 लापता हो गए। कुल 630 लोगों को कीचड़ से बचाया गया।


वी.डी. सतीशन का केंद्र के रुख पर असहमति

केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने भी केंद्र के रुख का विरोध करते हुए इसे गलत कदम बताया। उन्होंने कहा कि भूस्खलन पीड़ितों पर विभिन्न प्रकार के कर्ज हैं, लेकिन उनके पास आय का कोई स्रोत या संपत्ति नहीं है। ऐसे में कर्ज माफ करना आवश्यक हो जाता है। पिछले साल 30 जुलाई को मुंडक्कई और चूरलमाला में आए भूस्खलन ने दोनों क्षेत्रों को लगभग पूरी तरह से तबाह कर दिया था, जिसमें 200 से अधिक लोगों की जान गई और सैकड़ों घायल हुए।


प्रियंका गांधी का ट्वीट