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प्रशांत किशोर ने भागलपुर में हिंदू उम्मीदवार को उतारा, मुस्लिम कार्ड की चर्चा

बिहार के चुनावों में प्रशांत किशोर ने भागलपुर से अभयकांत झा को उम्मीदवार बनाया है, जो 1989 के दंगों में मुस्लिम पीड़ितों के लिए काम कर चुके हैं। उनकी उम्मीदवारी को मुस्लिम कार्ड के रूप में देखा जा रहा है। जानिए इस राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे की कहानी और अभयकांत झा की पहचान।
 

जनसुराज के उम्मीदवारों की नई सूची जारी

बिहार के चुनावों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। गठबंधनों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा जारी है, जबकि नेताओं के दल बदलने से समीकरण भी प्रभावित हो रहे हैं। जनसुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है। प्रशांत का दावा है कि वे बिहार की जनता को एक नया विकल्प प्रदान कर रहे हैं, जिसमें 7 वकील, 9 डॉक्टर और 4 इंजीनियर शामिल हैं।


अभयकांत झा का टिकट चर्चा का विषय

इस सूची में भागलपुर से वकील अभयकांत झा का नाम विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रहा है। यह माना जा रहा है कि अभयकांत के टिकट के माध्यम से प्रशांत किशोर मुस्लिम समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं, यह दर्शाते हुए कि मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की बात करना उनके भाषणों तक सीमित नहीं है।


अभयकांत झा की पहचान

भागलपुर से जनसुराज के उम्मीदवार अभयकांत झा ने 1989 के भागलपुर दंगा पीड़ितों का केस मुफ्त में लड़ा था। उन्हें एक न्यायप्रिय और निष्पक्ष व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। दंगे के बाद उन्होंने मुस्लिम समुदाय के 880 लोगों की सहायता की थी।


74 वर्षीय अभयकांत झा भागलपुर सिविल कोर्ट के सीनियर एडवोकेट हैं और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे जनसुराज पार्टी में जिले के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर के रूप में कार्यरत थे और अब उन्हें पहली बार विधानसभा चुनाव का टिकट दिया गया है.


भागलपुर दंगा: एक भयावह साम्प्रदायिक संघर्ष

1989 में भागलपुर में विश्व हिंदू परिषद की राम शिला पूजन यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक दंगा भड़क गया था। इस यात्रा में शामिल लोगों ने भड़काऊ नारे लगाए, जिसके बाद दंगा शुरू हुआ। पुलिस की फायरिंग में कई लोग मारे गए और दंगे के बाद हजारों लोगों को पलायन करना पड़ा।


इस दंगे में 116 मुसलमानों की हत्या की गई और उनके शवों को दफनाने के लिए गोभी रोपी गई थी।


भागलपुर में राजनीतिक स्थिति

वर्तमान में भागलपुर से कांग्रेस के अजीत शर्मा विधायक हैं, जबकि JDU के अजय कुमार मंडल दूसरे स्थान पर हैं। यहां थोड़े से वोटों के बदलाव से चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। चाणक्य के अनुसार, इस सीट पर 26 प्रतिशत मुसलमान हैं। प्रशांत किशोर अभयकांत झा के माध्यम से मुस्लिम और ब्राह्मण समुदाय को साधने का प्रयास कर रहे हैं।