प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में हार पर उठाए गंभीर सवाल
प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया
जन सुराज के संस्थापक और पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी द्वारा एक भी सीट न जीत पाने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इस हार को 'बहुत बुरी' बताते हुए चुनाव में 'धांधली' का आरोप लगाया।
जमीनी फीडबैक का असमानता
इंडिया टुडे के साथ बातचीत में किशोर ने कहा कि उनकी जन सुराज यात्रा के दौरान प्राप्त जमीनी फीडबैक और मतदान के रुझानों में असमानता थी। उन्होंने कहा, 'कुछ गलत हुआ' लेकिन यह भी स्वीकार किया कि उनके पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है।
एनडीए पर गंभीर आरोप
किशोर ने सीधे तौर पर नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस पर चुनाव परिणामों में हेरफेर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा से लेकर मतदान तक, हजारों महिला मतदाताओं को 10,000 रुपये दिए गए। उन्हें यह बताया गया कि यह कुल 2 लाख रुपये के वादे की पहली किस्त है, जो एनडीए या नीतीश कुमार को वोट देने पर मिलेगी।
लालू प्रसाद यादव का 'जंगल राज'
किशोर ने हार की एक और बड़ी वजह के रूप में 'लालू प्रसाद यादव के जंगल राज की वापसी का डर' बताया। उन्होंने कहा कि कई मतदाताओं ने महसूस किया कि अगर उन्होंने जन सुराज को वोट दिया और पार्टी जीत नहीं पाई, तो इससे लालू को सत्ता में लौटने का मौका मिल सकता है। इस डर ने मतदाताओं को उनकी पार्टी से दूर कर दिया।
जन सुराज की चुनावी स्थिति
बिहार की 243 सीटों में से 238 पर चुनाव लड़ने वाली जन सुराज को एक भी सीट नहीं मिली और उसे केवल 2 से 3 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए। हालांकि, किशोर ने अपने राजनीतिक करियर के अंत की बात को खारिज करते हुए कहा, 'अभी कहानी बाकी है।'