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प्रयागराज में मुठभेड़ में ढेर हुआ 4 लाख का इनामी बदमाश आशीष रंजन

प्रयागराज में पुलिस ने एक मुठभेड़ के दौरान 4 लाख का इनामी बदमाश आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह को मार गिराया। यह कुख्यात अपराधी झारखंड के धनबाद का निवासी था और हत्या, रंगदारी जैसे गंभीर मामलों में शामिल था। उसकी आपराधिक गतिविधियों का दायरा यूपी और बिहार तक फैला हुआ था। जानें उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि और मुठभेड़ की पूरी कहानी।
 

प्रयागराज में पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़


प्रयागराज में पुलिस और एक अपराधी के बीच एक गंभीर मुठभेड़ हुई, जिसमें आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह को मार गिराया गया। यह व्यक्ति कोई साधारण अपराधी नहीं था, बल्कि झारखंड के धनबाद से लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार तक उसका खौफ फैला हुआ था। उसके पास से AK-47 जैसे घातक हथियार बरामद हुए, जो उसकी योजनाओं की गंभीरता को दर्शाते हैं।


आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह का परिचय

आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह झारखंड के धनबाद का निवासी था और एक कुख्यात अपराधी माना जाता था। उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी और जान से मारने की कोशिश जैसे कई गंभीर मामले दर्ज थे। पुलिस उसे लंबे समय से खोज रही थी और उसकी गिरफ्तारी पर इनाम भी रखा गया था।


बड़े मर्डर केस में शामिल

छोटू सिंह का नाम झारखंड में दो प्रमुख हत्या मामलों में आया था, जिनमें नीरज तिवारी और लाला खान की हत्याएं शामिल हैं। ये मामले काफी चर्चित रहे हैं और पुलिस के पास उसके खिलाफ ठोस सबूत थे।


अमन सिंह गैंग से संबंध

छोटू सिंह झारखंड के अमन सिंह गैंग का सक्रिय सदस्य था, जो क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है। वह गैंग की ओर से कई वारदातों को अंजाम देता था।


जेल में भी बना रहा प्रभाव

छोटू सिंह को एक बार गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन जेल में रहते हुए भी उसका प्रभाव कम नहीं हुआ। वह अपने गैंग के माध्यम से बाहर की गतिविधियों को नियंत्रित करता था और पुलिस को संदेह था कि वह जेल में रहते हुए भी कई अपराधों की योजना बना रहा था।


यूपी-बिहार में सक्रियता

छोटू सिंह केवल झारखंड में ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश और बिहार में भी सक्रिय था। पुलिस के अनुसार, उसने इन राज्यों में कई बड़े अपराध किए हैं और हर बार पुलिस को चकमा देकर भाग निकलता था। लेकिन इस बार प्रयागराज में उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया।


मुठभेड़ में एनकाउंटर

प्रयागराज में पुलिस को सूचना मिली कि छोटू सिंह किसी वारदात को अंजाम देने के इरादे से छिपा हुआ है। पुलिस ने उसे घेर लिया, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और इस मुठभेड़ में छोटू सिंह मारा गया। उसके पास से AK-47 जैसे खतरनाक हथियार मिले, जो उसकी योजनाओं की गंभीरता को दर्शाते हैं।