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प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगार योजना की घोषणा की, युवाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर 1 लाख करोड़ रुपये की रोजगार योजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य युवाओं को पहली नौकरी में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, युवाओं को 15,000 रुपये की सहायता मिलेगी और कंपनियों को रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ नौकरियों का सृजन होने की उम्मीद है। योजना का नाम 'विकसित भारत' पहल के अनुरूप रखा गया है, जो समावेशी रोजगार अवसरों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
 

प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने संबोधन में 1 लाख करोड़ रुपये की रोजगार योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य उन युवाओं को सहायता प्रदान करना है, जो निजी क्षेत्र में अपनी पहली नौकरी शुरू कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरे देश के युवाओं, आज 15 अगस्त है और हम आपके लिए 1 लाख करोड़ रुपये की योजना शुरू कर रहे हैं। प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना आज से लागू हो रही है।"


नई योजना के लाभ

इस नई योजना के तहत, युवाओं को पहली नौकरी मिलने पर सरकार द्वारा सीधे 15,000 रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही, रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने वाली कंपनियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को इस योजना की घोषणा की, जिससे अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ नौकरियों का सृजन होने की उम्मीद है।


योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना का लक्ष्य 3.5 करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस योजना का बजट लगभग 99,446 करोड़ रुपये है, और इसका उद्देश्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों का निर्माण करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार नौकरी पाने वाले होंगे।


योजना की संरचना

यह योजना 'विकसित भारत' पहल के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो समावेशी और सतत रोजगार अवसरों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। योजना दो भागों में विभाजित है: भाग 'क' पहली बार नौकरी करने वालों पर केंद्रित है, जबकि भाग 'ख' नियोक्ताओं पर केंद्रित है। भाग 'क' के तहत, ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार नौकरी करने वालों को दो किस्तों में अधिकतम 15,000 रुपये दिए जाएंगे।


नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन

भाग 'ख' में, नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए प्रति माह तीन हजार रुपये तक का प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह प्रोत्साहन विनिर्माण क्षेत्र के नियोक्ताओं के लिए तीसरे और चौथे वर्ष तक भी जारी रहेगा।