प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता परेड में कांग्रेस की आलोचना की
प्रधानमंत्री का अभिवादन और कांग्रेस पर आरोप
राष्ट्रीय एकता परेड के समापन के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परेड स्थल पर जाकर उपस्थित लोगों का गर्मजोशी से अभिवादन किया। इस अवसर पर उन्होंने कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से 'गुलाम मानसिकता' को अपनाया। मोदी ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर वंदे मातरम के विभाजन को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस को न केवल अंग्रेजों से सत्ता विरासत में मिली, बल्कि उसने गुलामी की मानसिकता को भी आत्मसात कर लिया।" उन्होंने यह भी बताया कि वंदे मातरम जल्द ही अपनी 150वीं वर्षगांठ मनाएगा, और यह 1905 में बंगाल के विभाजन के खिलाफ हर नागरिक की आवाज बन गया था।
कांग्रेस की भूमिका पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंग्रेज कभी भी अपने उद्देश्य में सफल नहीं हुए, लेकिन कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर वंदे मातरम के एक हिस्से को हटा दिया, जिससे समाज में विभाजन हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन कांग्रेस ने वंदे मातरम को तोड़ने का निर्णय लिया, उसी दिन भारत के विभाजन की नींव रखी गई। अगर कांग्रेस ने ऐसा न किया होता, तो भारत की स्थिति अलग होती।
सरदार पटेल को श्रद्धांजलि
इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने X पर साझा किया कि उन्होंने 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पर सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह प्रतिमा सरदार पटेल और भारत की एकता के प्रति उनके दृष्टिकोण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा राष्ट्रीय गौरव और सरदार पटेल के सपनों को पूरा करने के सामूहिक संकल्प का प्रतीक है। शुक्रवार को, मोदी ने सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए उनके दूरदर्शिता और जनसेवा की विरासत को साझा किया।
भारत की एकता का संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी ने X पर लिखा कि भारत सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उन्होंने कहा कि पटेल भारत के एकीकरण के पीछे प्रेरक शक्ति थे, जिन्होंने राष्ट्र के प्रारंभिक वर्षों में इसके भाग्य को आकार दिया। उनकी राष्ट्रीय अखंडता और जनसेवा के प्रति प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।