प्रधानमंत्री मोदी ने भावनगर में 34,200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के भावनगर में 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम के तहत 34,200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने देश की आत्मनिर्भरता और विदेशी निर्भरता के खिलाफ लड़ाई पर जोर दिया। मोदी ने बताया कि सेवा पखवाड़ा के दौरान गुजरात में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया है। उन्होंने नवरात्रि के पर्व के दौरान बाजारों में रौनक बढ़ने की उम्मीद जताई। इस कार्यक्रम का महत्व पूरे देश के लिए है, और मोदी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
Sep 20, 2025, 12:36 IST
समुद्र से समृद्धि कार्यक्रम का आयोजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के भावनगर में 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम के तहत 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस समुद्री पहल के अंतर्गत, पीएम मोदी ने इंदिरा डॉक में मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल सहित 7,870 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके अलावा, उन्होंने कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट में एक नए कंटेनर टर्मिनल और संबंधित सुविधाओं की आधारशिला भी रखी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम भावनगर में हो रहा है, लेकिन इसका महत्व पूरे देश के लिए है। उन्होंने बताया कि समुद्र से समृद्धि की दिशा में भारत की यात्रा के लिए आज का कार्यक्रम महत्वपूर्ण है। गुजरात और भावनगर के निवासियों को उन्होंने बधाई दी। उन्होंने कहा कि 17 सितंबर को उन्हें जो शुभकामनाएं मिली हैं, उनके लिए वे सभी का धन्यवाद करना चाहते हैं। यह प्यार और आशीर्वाद उनके लिए एक बड़ी संपत्ति है।
मोदी ने यह भी बताया कि विश्वकर्मा जयंती से लेकर हनुमान जयंती तक, 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक, देशभर में लाखों लोग सेवा पखवाड़ा मना रहे हैं। गुजरात में भी इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिसमें रक्तदान शिविरों में एक लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया है। इसके साथ ही, स्वच्छता अभियान भी बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्रि का पर्व शुरू होने वाला है और इस बार जीएसटी में कमी के कारण बाजारों में रौनक बढ़ने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत 'विश्वबंधु' की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा सबसे बड़ा दुश्मन विदेशी निर्भरता है, जिसे हमें मिलकर हराना होगा। आत्मनिर्भरता के बिना, देश की विफलता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हमें अपने 140 करोड़ देशवासियों का भविष्य दूसरों के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत ही हमारे सभी दुखों का समाधान है।