प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी सुधारों को आर्थिक सशक्तिकरण की कुंजी बताया
जीएसटी बचत उत्सव का शुभारंभ
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा हाल ही में जीएसटी दरों में कमी से नागरिकों पर वित्तीय बोझ कम होगा, जिससे घर, वाहन और उपभोक्ता वस्तुएं अधिक सस्ती होंगी। उन्होंने इस अवसर पर 'जीएसटी बचत उत्सव' की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने इन सुधारों को आत्मनिर्भर भारत और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा, "कम जीएसटी दरों के साथ, नागरिकों के लिए व्यक्तिगत सपनों को पूरा करना आसान होगा - चाहे वह घर बनाना हो, टीवी या रेफ्रिजरेटर खरीदना हो, या स्कूटर, बाइक या कार खरीदना हो - अब सभी चीजें सस्ती होंगी।"
उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा भी सस्ती होगी, क्योंकि अधिकांश होटल कमरों पर जीएसटी में कमी की गई है। पीएम मोदी ने जीएसटी सुधारों के प्रति दुकानदारों की उत्साही प्रतिक्रिया पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा, "वे जीएसटी में कमी के लाभों को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।"
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि कई स्थानों पर सुधारों से पहले और बाद की कीमतों की तुलना करने वाले बोर्ड prominently प्रदर्शित किए जा रहे हैं। नवरात्रि के शुभारंभ पर सभी नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन से ही देश आत्मनिर्भर भारत अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
22 सितंबर को सूर्योदय के समय, देश में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू होंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि यह 'जीएसटी बचत उत्सव' का आरंभ है, जो पूरे भारत में होगा। उन्होंने कहा कि यह उत्सव "बचत को बढ़ावा देगा और लोगों के लिए अपनी पसंदीदा वस्तुएं खरीदना आसान बनाएगा।"
पीएम मोदी ने कहा कि इस बचत उत्सव के लाभ गरीबों, मध्यम वर्ग, नव-मध्यम वर्ग, युवाओं, किसानों, महिलाओं, दुकानदारों, व्यापारियों और उद्यमियों तक पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि इस त्योहार के दौरान हर घर में खुशी और मिठास बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों और जीएसटी बचत उत्सव के लिए देशभर के करोड़ों परिवारों को शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने यह भी कहा कि ये सुधार भारत की विकास कहानी को तेज करेंगे, व्यापार संचालन को सरल बनाएंगे, निवेश को अधिक आकर्षक बनाएंगे, और सुनिश्चित करेंगे कि हर राज्य विकास की दौड़ में समान भागीदार बने।
पीएम मोदी ने याद दिलाया कि भारत ने 2017 में जीएसटी सुधार की दिशा में पहला कदम उठाया था, जो देश की आर्थिक इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत थी। उन्होंने बताया कि दशकों तक नागरिक और व्यापारी कई करों के जाल में उलझे रहे - जैसे ऑक्टोई, एंट्री टैक्स, बिक्री कर, उत्पाद शुल्क, वैट और सेवा कर।
प्रधानमंत्री ने साझा किया कि एक विदेशी समाचार पत्र में प्रकाशित एक उदाहरण के अनुसार, एक कंपनी को बेंगलुरु से हैदराबाद तक सामान भेजने में इतनी कठिनाई हुई कि उसने सामान को बेंगलुरु से यूरोप भेजने और फिर हैदराबाद वापस लाने का विकल्प चुना। उन्होंने कहा कि ऐसे ही करों और टोलों के कारण स्थिति थी।
उन्होंने कहा कि लाखों कंपनियों और करोड़ों नागरिकों को रोजाना इन जटिल करों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पीएम मोदी ने कहा कि एक शहर से दूसरे शहर में सामान ले जाने की बढ़ी हुई लागत अंततः गरीबों पर बोझ बनती थी और आम जनता से वसूली जाती थी।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि देश को करों की जटिलताओं से मुक्त करना आवश्यक था। उन्होंने कहा कि 2014 में सरकार को जनादेश मिलने पर जीएसटी को लोगों और देश के हित में प्राथमिकता दी गई। उन्होंने बताया कि सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श किए गए, राज्यों द्वारा उठाए गए हर मुद्दे का समाधान किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी राज्यों को एक साथ लाकर स्वतंत्र भारत में इस तरह का ऐतिहासिक कर सुधार संभव हुआ। उन्होंने कहा कि यह केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयास का परिणाम था कि देश को कई करों के जाल से मुक्त किया गया और पूरे देश में एक समान प्रणाली स्थापित की गई। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र-एक कर का सपना साकार हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधार एक निरंतर प्रक्रिया है, और जैसे-जैसे समय बदलता है और राष्ट्रीय आवश्यकताएं विकसित होती हैं, अगली पीढ़ी के सुधार भी आवश्यक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए ये नए जीएसटी सुधार लागू किए जा रहे हैं। पीएम मोदी ने बताया कि नए ढांचे के तहत केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर स्लैब मुख्य रूप से बने रहेंगे।