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प्रधानमंत्री मोदी ने जनसांख्यिकीय बदलावों को सामाजिक सद्भाव के लिए खतरा बताया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में एक समारोह में जनसांख्यिकीय बदलावों को देश के सामाजिक सद्भाव के लिए एक बड़ा खतरा बताया। उन्होंने 'विविधता में एकता' के सिद्धांत की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और घुसपैठियों से नागरिकों की सुरक्षा के लिए जनसांख्यिकीय मिशन की घोषणा की। मोदी ने सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए सतर्कता और कार्रवाई की आवश्यकता पर भी बल दिया।
 

प्रधानमंत्री का चेतावनी भरा संदेश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को चेतावनी दी कि जनसांख्यिकीय परिवर्तन वर्तमान में देश के सामाजिक सद्भाव के लिए घुसपैठ से भी बड़ा खतरा बन गए हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा हमेशा 'विविधता में एकता' के सिद्धांत में निहित रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह सिद्धांत कमजोर हुआ, तो देश की शक्ति में कमी आएगी।


जनसांख्यिकीय मिशन की घोषणा

मोदी ने अपने 15 अगस्त के भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि 'बहनों-बेटियों को निशाना बनाकर युवाओं की आजीविका छीनने वाले घुसपैठियों से भारतीय नागरिकों की रक्षा' के लिए उन्होंने जनसांख्यिकीय मिशन की घोषणा की।


आंतरिक सुरक्षा पर प्रभाव

उन्होंने कहा, 'आज सामाजिक सद्भाव को घुसपैठियों से अधिक खतरा जनसांख्यिकी बदलाव के षडयंत्रों से है, जिसका सीधा असर आंतरिक सुरक्षा और भविष्य की शांति पर पड़ता है।' मोदी ने बताया कि भारत आज ऐसी चुनौतियों का सामना कर रहा है जो उसकी एकता, संस्कृति और सुरक्षा को सीधे प्रभावित कर रही हैं।


आरएसएस की भूमिका

मोदी ने आरएसएस की भूमिका को भी रेखांकित किया, जिसने हमेशा सामाजिक सद्भाव को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता को हाशिए पर मौजूद लोगों को प्राथमिकता देकर सामाजिक न्याय स्थापित करने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के रूप में परिभाषित किया गया है।


विभाजनकारी प्रवृत्तियों का सामना

उन्होंने कहा, 'आज राष्ट्र अलगाववादी विचारधाराओं, क्षेत्रवाद, जाति विवाद और बाहरी ताकतों द्वारा भड़काई गई विभाजनकारी प्रवृत्तियों का सामना कर रहा है।' मोदी ने भारत की आत्मा की रक्षा के लिए इस आधारभूत लोकाचार को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया।


सतर्कता और कार्रवाई की आवश्यकता

उन्होंने कहा, 'सामाजिक सद्भाव आज जनसांख्यिकीय बदलाव और घुसपैठ से गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है, जिसका सीधा असर आंतरिक सुरक्षा और भविष्य की शांति पर पड़ता है।' इसी चिंता ने उन्हें लाल किले से जनसांख्यिकी मिशन की घोषणा करने के लिए प्रेरित किया।


समारोह में शामिल लोग

इस शताब्दी समारोह का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया था, जिसमें आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल हुए।