प्रधानमंत्री मोदी ने चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया, जो रेलवे के लिए एक नई ऊंचाई है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो घाटी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। 114,000 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल की ऊंचाई एफिल टॉवर से भी अधिक है। यह पुल न केवल भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे को नया रूप देता है, बल्कि सैन्य और औद्योगिक परिवहन में भी सुधार लाता है। जानें इस पुल की विशेषताएं और इसके महत्व के बारे में।
Jun 6, 2025, 12:47 IST
चिनाब ब्रिज का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया, जो कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो 272 किलोमीटर लंबी मेगा परियोजना है, जो घाटी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। इस रेल लिंक में कई सुरंगें हैं, जो इसे इंजीनियरिंग का एक अद्वितीय उदाहरण बनाती हैं। यह पुल चेनाब नदी से 359 मीटर ऊँचा है, जो एफिल टॉवर से भी ऊँचा है, और इसकी कुल लंबाई 1,315 मीटर है। चिनाब ब्रिज न केवल भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे को नया रूप देता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर इंजीनियरिंग उत्कृष्टता में भारत की स्थिति को भी मजबूत करता है।
114,000 करोड़ रुपये की लागत
114,000 करोड़ रुपये की लागत
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का एक महत्वपूर्ण घटक यह पुल है, जिसे अंजी खाद पुल और कटरा से श्रीनगर के बीच दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के शुभारंभ के साथ खोला गया। इससे कश्मीर और शेष भारत के बीच सभी मौसम में रेल संपर्क की शुरुआत हुई है। यह आर्च ब्रिज रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच स्थित है और कटरा और बनिहाल के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित करता है। चेनाब ब्रिज 114,000 करोड़ रुपये की लागत से बना है और यह चेनाब नदी पर 359 मीटर (लगभग 1,178 फीट) ऊँचा है, जो इसे एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊँचा बनाता है। पुल को 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी उम्र लगभग 120 साल होने की उम्मीद है। इसमें 20.15 किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड है और यह भूकंपरोधी है। भारतीय रेलवे ने पुल पर बम विस्फोट के संभावित प्रभाव को कम करने के लिए सुरक्षा उपाय लागू किए हैं। पुल की सतह पर 780 मीटर लंबा विस्फोट सुरक्षा प्लेटफ़ॉर्म होगा, जो भारत के रेल क्षेत्र में पहली बार होगा।
70 गांवों तक सड़क संपर्क
70 गांवों तक सड़क संपर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज का उद्घाटन किया है। यह 272 किमी लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भारतीय सेना के लिए पाकिस्तान के एलओसी और चीन के एलएसी तक पहुंचने का समय 5 गुना घटा देगा। वर्तमान में, ट्रेन से दोनों सरहदों के बीच सैनिकों और सामान को पहुंचाने में 16 घंटे लगते हैं, जो अब घटकर 3 घंटे रह जाएगा। इस पुल के साथ 215 किमी की अप्रोच रोड बनाई गई है, जिससे 70 गांवों तक सड़क संपर्क स्थापित हुआ है।
औद्योगिक एवं कृषि उत्पादों का परिवहन
औद्योगिक एवं कृषि उत्पादों के निर्वाध परिवहन का रास्ता साफ
जम्मू रीजन के रियासी जिले में चिनाब नदी के दो पाटों को 29 हजार टन स्टील और 67 हजार मन मीटर कंक्रीट से जोड़ा गया है। इस ब्रिज से राज्य के दुर्गम और बर्फबारी वाले इलाकों में चौबीस घंटे आवागमन संभव होगा। पुल के उद्घाटन के बाद कश्मीर घाटी राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगी, जिससे सैन्य और औद्योगिक एवं कृषि उत्पादों के परिवहन में आसानी होगी।
ब्लास्ट प्रूफ ब्रिज
ब्लास्ट प्रूफ ब्रिज
पीओके से लगी एलओसी से 60 किमी दूर यह ब्रिज आतंकियों की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए ब्लास्ट प्रूफ बनाया गया है। डीआरडीओ के तकनीकी सहयोग से बने इस पुल को 40 टन के टीएनटी विस्फोट को झेलने के लिए डिज़ाइन किया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह 1.3 किमी लंबा चिनाब ब्रिज नदी तल से 359 मीटर ऊँचा है, जो पेरिस के एफिल टॉवर से भी ऊँचा है। यह कटरा से बनिहाल तक के 111 किमी लंबे रूट के लिए महत्वपूर्ण है।