प्रधानमंत्री मोदी ने गंगईकोंडा चोलपुरम में आधी तिरुवथिराई महोत्सव में भाग लिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आयोजित आधी तिरुवथिराई महोत्सव में भाग लिया। उन्होंने भारतीय संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और राष्ट्र की सुरक्षा पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। पीएम मोदी ने चोल साम्राज्य की विरासत और वर्तमान भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं पर भी प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में उन्होंने आध्यात्मिक अनुभवों और सांस्कृतिक एकता के महत्व पर जोर दिया।
Jul 27, 2025, 17:09 IST
आदि तिरुवथिराई महोत्सव में प्रधानमंत्री का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तमिलनाडु के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आयोजित आदि तिरुवथिराई महोत्सव में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और देश की सुरक्षा पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए, जिसमें उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों के कल्याण और राष्ट्र की निरंतर प्रगति के लिए प्रार्थना की।
आध्यात्मिक अनुभव और काशी का संबंध
कार्यक्रम के दौरान जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैं काशी का सांसद हूं और जब मैं 'ॐ नमः शिवाय' सुनता हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। शिव दर्शन की अद्भुत ऊर्जा, श्री इलैयाराजा का संगीत और मंत्रोच्चार, यह आध्यात्मिक अनुभव मन को भावविभोर कर देता है।' उन्होंने भगवान शिव से सभी पर कृपा बरसाने की प्रार्थना करते हुए 'हर हर महादेव' का जयघोष किया।
चोल साम्राज्य की विरासत और विकसित भारत का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने चोल राजाओं के राजनयिक और व्यापारिक संबंधों के विस्तार का उल्लेख किया, जो श्रीलंका, मालदीव और दक्षिण-पूर्व एशिया तक फैले हुए थे। उन्होंने यह भी बताया कि वे हाल ही में मालदीव से लौटे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि चोल साम्राज्य का इतिहास और उसकी विरासत भारत के वास्तविक सामर्थ्य का प्रतीक है और यह उस भारत के सपने की प्रेरणा है, जिसे लेकर आज हम विकसित भारत के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चोल राजाओं ने भारत को सांस्कृतिक एकता में पिरोया था और आज केंद्र सरकार चोला युग के उन्हीं विचारों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने काशी-तमिल संगमम् और सौराष्ट्र-तमिल संगमम् जैसे आयोजनों का उदाहरण दिया, जिनके माध्यम से सदियों पुराने एकता के सूत्रों को मजबूत किया जा रहा है।
सेंगोल की स्थापना और राष्ट्रीय गौरव
पीएम मोदी ने देश की नई संसद के उद्घाटन समारोह को भी याद किया, जहां शिव आदीनम के संतों ने आध्यात्मिक नेतृत्व किया था और तमिल संस्कृति से जुड़े 'सेंगोल' को संसद में स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा, 'मैं आज भी उस पल को याद करता हूं तो गौरव से भर जाता हूं।'
आर्थिक और सामरिक उन्नति की प्रेरणा
प्रधानमंत्री ने चोल युग में भारत द्वारा छुए गए आर्थिक और सामरिक उन्नति के शिखर को आज भी प्रेरणादायक बताया। उन्होंने राजराजा चोल द्वारा एक शक्तिशाली नौसेना के निर्माण और राजेंद्र चोल द्वारा इसे और सुदृढ़ करने का उल्लेख किया।
वर्तमान भारत की सुरक्षा प्राथमिकता
वर्तमान भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आज का भारत अपनी सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है।' उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र किया और कहा कि दुनिया ने देखा है कि अगर कोई भारत की सुरक्षा और संप्रभुता पर हमला करता है, तो भारत उसे उसी की भाषा में जवाब देना जानता है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि इस ऑपरेशन ने साफ कर दिया है कि अब भारत के दुश्मनों और आतंकवादियों के लिए दुनिया में कोई जगह सुरक्षित नहीं है।