प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रतिनिधिमंडलों से की मुलाकात
प्रधानमंत्री की बैठक का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से बातचीत की। ये प्रतिनिधिमंडल ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को उजागर करने के लिए 30 से अधिक देशों की यात्रा पर गए थे। यह मुलाकात एनडीए सरकार के 11 साल पूरे होने के एक दिन बाद हुई। मोदी ने इन प्रतिनिधिमंडलों से फीडबैक लिया, जिसका मुख्य उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करना था।
भारत की प्रतिबद्धता पर चर्चा
मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उन्होंने विभिन्न देशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत की शांति के प्रति प्रतिबद्धता और आतंकवाद के खतरे को समाप्त करने की आवश्यकता पर गहन चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रतिनिधिमंडल ने भारत की आवाज को आगे बढ़ाया, उस पर सभी को गर्व होना चाहिए। 21 मई से 33 देशों में भेजे गए इन प्रतिनिधिमंडलों में 50 से अधिक सांसद, राजनयिक और पूर्व सांसद शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व
इन सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों में से चार का नेतृत्व सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के सांसदों ने किया, जिसमें जेडी(यू) और शिवसेना (शिंदे) के सदस्य शामिल थे। शेष तीन का नेतृत्व विपक्षी सांसदों ने किया। भाजपा के रविशंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जेडी(यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले ने आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहिष्णुता नीति को उजागर करने के लिए इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया।