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प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से मुलाकात की, जो हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से लौटे हैं। इस मुलाकात में मोदी ने शुक्ला का स्वागत किया और उनके अंतरिक्ष यात्रा के अनुभवों पर चर्चा की। शुक्ला ने प्रधानमंत्री को अपने मिशन का पैच और भारतीय तिरंगा भेंट किया। उन्होंने कहा कि यह भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा का पहला कदम है। जानें इस ऐतिहासिक मुलाकात के बारे में और शुक्ला के अनुभवों के बारे में।
 

प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से मुलाकात की, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ऐतिहासिक यात्रा के बाद भारत लौटे थे। यह मुलाकात दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर हुई, जहां मोदी ने शुक्ला का गर्मजोशी से स्वागत किया।


अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव

शुभांशु शुक्ला ने 25 जून 2025 को ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के तहत अंतरिक्ष में कदम रखा और 18 दिन बाद 15 जुलाई को लौटे। उन्होंने प्रधानमंत्री से लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात की, जहां मोदी ने उन्हें गले लगाकर स्वागत किया।


मिशन पैच और तिरंगा

शुक्ला ने प्रधानमंत्री को ‘एक्सिओम-4 मिशन’ का ‘मिशन पैच’ और वह भारतीय तिरंगा भेंट किया, जिसे उन्होंने ISS पर ले जाकर लहराया था। मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘शुभांशु शुक्ला के साथ बातचीत बहुत अच्छी रही। हमने उनके अंतरिक्ष अनुभव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में प्रगति और गगनयान मिशन पर चर्चा की।’


तस्वीरों का आदान-प्रदान

लखनऊ में जन्मे शुक्ला ने प्रधानमंत्री को आईएसएस से ली गई तस्वीरें दिखाईं। उन्होंने एक फ्रेमयुक्त तिरंगा भेंट करते हुए कहा, ‘मैंने पिछले बार जब उनसे बात की थी, तब यही झंडा मेरे पीछे था।’


गर्व का अनुभव

शुक्ला ने कहा, ‘मैं उस दिन भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए गर्व महसूस कर रहा था। यह भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा का पहला कदम है।’ वह ‘एक्सिओम-4’ मिशन का हिस्सा थे, जो 25 जून को फ्लोरिडा से शुरू हुआ।


अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ प्रयोग

शुक्ला ने 18 दिवसीय मिशन के दौरान अन्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ कई प्रयोग किए। प्रधानमंत्री ने उनसे अपने अनुभवों का दस्तावेजीकरण करने का अनुरोध किया था, ताकि भविष्य के मिशनों में मदद मिल सके।


दस्तावेजीकरण का कार्य

शुक्ला ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि उन्होंने अपने मिशन के हर पहलू का दस्तावेजीकरण पूरा कर लिया है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि यह ज्ञान भारत के गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।