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प्रधानमंत्री मोदी ने 24 साल की यात्रा पूरी की, CM से PM बनने की कहानी साझा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और अब उन्होंने 24 वर्षों का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस अवसर पर उन्होंने अपने अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने अपनी मां से मिली सीख और गुजरात के विकास की कहानी बताई। मोदी ने बताया कि कैसे उन्होंने कठिन समय में गुजरात को गुड गवर्नेंस का उदाहरण बनाया और 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। जानें उनके इस सफर के बारे में और भी जानकारी।
 

मोदी का राजनीतिक सफर

मोदी 7 अक्तूबर 2001 को बने थे गुजरात के मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब 24 वर्षों का कार्यकाल पूरा कर लिया है और वे अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। 7 अक्टूबर 2001 को उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। तब से वे लगातार किसी न किसी उच्च पद पर कार्यरत हैं। 13 वर्षों तक उन्होंने गुजरात का नेतृत्व किया और 2014 से वे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने X पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि 2001 में आज ही के दिन उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। देशवासियों के आशीर्वाद से वे अब सरकार के मुखिया के रूप में अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने भारत की जनता के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि उनका प्रयास हमेशा लोगों के जीवन को बेहतर बनाना रहा है।

उन्होंने आगे लिखा कि उनकी पार्टी ने उन्हें कठिन समय में मुख्यमंत्री बनने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जब गुजरात भूकंप, सूखे और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा था। इन चुनौतियों ने उन्हें जनता की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।

मां से मिली सीख

जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो उनकी मां ने उन्हें दो महत्वपूर्ण बातें बताई थीं: गरीबों के लिए काम करना और कभी भी रिश्वत न लेना। उन्होंने लोगों से वादा किया कि वे नेक इरादे से काम करेंगे और अंतिम व्यक्ति की सेवा करने के लिए प्रेरित रहेंगे।

गुजरात की प्रगति

पीएम मोदी ने कहा कि ये 25 साल अनुभवों से भरे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला, तब गुजरात को फिर से खड़ा करने की चुनौती थी। किसानों और आम लोगों की शिकायतें थीं कि उन्हें बिजली और पानी की कमी का सामना करना पड़ता था। लेकिन उन्होंने मिलकर गुजरात को गुड गवर्नेंस का उदाहरण बना दिया।

दिल्ली में प्रधानमंत्री बनने का अनुभव

पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में 2013 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने का अनुभव साझा किया। उस समय देश में विश्वास की कमी थी और यूपीए सरकार भ्रष्टाचार का प्रतीक बन चुकी थी। लेकिन भारतीय जनता ने उनके गठबंधन को प्रचंड बहुमत दिया। यह 30 वर्षों में किसी एक पार्टी को केंद्र में बहुमत मिलने का पहला अवसर था।

भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम

पिछले 11 वर्षों में, भारत ने कई बदलाव किए हैं। उनके प्रयासों ने नारी शक्ति, युवा शक्ति और मेहनती किसानों को सशक्त बनाया है। 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में सबसे बड़ी स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं हैं।

मैं एक बार फिर भारत की जनता को उनके विश्वास और स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूं। अपने देश की सेवा करना मेरे लिए सर्वोच्च सम्मान है। मैं संविधान के मूल्यों को अपने मार्गदर्शक के रूप में मानते हुए, विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए और अधिक मेहनत करूंगा।