प्रधानमंत्री मोदी ने 1 लाख करोड़ रुपये का RDI फंड लॉन्च किया
आरडीआई फंड का शुभारंभ
पीएम मोदी ने लॉन्च किया आरडीआई फंड
PM Modi launches RDI Fund : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) फंड की शुरुआत की है, जिसका कुल राशि एक लाख करोड़ रुपये है। यह कदम निजी क्षेत्र को देश में अनुसंधान और विकास (R&D) में बड़े पैमाने पर निवेश के लिए प्रेरित करेगा। यह घोषणा पहले एमर्जिंग साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) के दौरान की गई। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिक उपलब्धियों पर एक शानदार कॉफी टेबल बुक और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के लिए एक विज़न डॉक्यूमेंट भी लॉन्च किया.
फंड का संचालन और निवेश प्रक्रिया
#WATCH | दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ESTIC) 2025 का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने 1 लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान विकास और नवाचार (RDI) योजना कोष का शुभारंभ किया। इस योजना का उद्देश्य देश में निजी pic.twitter.com/SWa8Lu7IuD
— News Media (@AHindinews) November 3, 2025
पैसा सीधे उद्योग को नहीं मिलेगा
RDI फंड सीधे किसी उद्योग या स्टार्टअप में निवेश नहीं करेगा, जो इसकी प्रमुख विशेषता है। इसके संचालन के लिए एक दो-स्तरीय फंडिंग संरचना बनाई गई है, जिससे पारदर्शिता और विशेषज्ञता बनी रहे। पहले स्तर पर, अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान (ANRF) के तहत एक विशेष उद्देश्य फंड (SPF) स्थापित होगा। यह SPF एक लाख करोड़ रुपये के कॉर्पस का संरक्षक होगा और दूसरे स्तर के फंड मैनेजरों को धन उपलब्ध कराएगा। फंड मैनेजर वैकल्पिक निवेश फंड (AIF), विकास वित्त संस्थान (DFI), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) और अन्य वित्तीय संस्थाएं हो सकती हैं.
निवेश की सिफारिशें
निवेश का फैसला सरकार नहीं, विशेषज्ञों की टीम लेगी
फंड के निवेश की सिफारिश करने की जिम्मेदारी फंड मैनेजरों की होगी। वे एक निवेश समिति (Investment Committee) के माध्यम से अपनी सिफारिशें देंगे, जिसमें वित्तीय, व्यापारिक और तकनीकी क्षेत्रों के उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये समितियां सरकार से स्वतंत्र तरीके से काम करेंगी, जिससे निवेश का निर्णय राजनीतिक या सरकारी दखल से दूर, व्यावसायिक और तकनीकी मापदंडों के आधार पर लिया जाएगा. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) को इस RDI फंड का नोडल मंत्रालय बनाया गया है, जो पूरे समन्वय की जिम्मेदारी संभालेगा.
आम आदमी को क्या फायदा?
आम आदमी को क्या फायदा?
जब रिसर्च और डेवलपमेंट में निजी निवेश बढ़ेगा, तो इसका सीधा असर देश में उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता पर पड़ेगा। नई तकनीकें और सस्ते, बेहतर उत्पाद बाजार में आएंगे। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य सेवा में बेहतर और कम लागत वाले उपकरण, खेती के लिए उन्नत बीज और मशीनरी, या फिर रोजगार के लिए नए, उच्च-तकनीकी अवसर, यह सब रिसर्च और इनोवेशन का परिणाम होगा.