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प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस यात्रा: भारत-साइप्रस संबंधों में नई गति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस की यात्रा की, जहां उन्होंने राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस से मुलाकात की। यह यात्रा भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बाद की पहली विदेश यात्रा है। पीएम मोदी ने व्यापार, निवेश और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद, वे जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा जाएंगे। जानें इस यात्रा के महत्व और द्विपक्षीय संबंधों में नई दिशा के बारे में।
 

प्रधानमंत्री मोदी का साइप्रस दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस पहुंच चुके हैं, जहां राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने उनका स्वागत किया। यह यात्रा तीन देशों की यात्रा का हिस्सा है, जिसमें पीएम मोदी 16-17 जून को कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे और क्रोएशिया का दौरा भी करेंगे.


भारत की सुरक्षा रणनीति का प्रभाव

यह यात्रा भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद की पहली विदेश यात्रा है.


साइप्रस में द्विपक्षीय वार्ता

प्रधानमंत्री मोदी 15 से 16 जून तक साइप्रस में रहेंगे। यह पिछले 20 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. यहां, वे राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस से मिलेंगे और व्यापार, निवेश, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे.


सोशल मीडिया पर साझा की गई जानकारी

पीएम मोदी ने साइप्रस पहुंचने की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, 'साइप्रस पहुंच गया हूं। हवाई अड्डे पर स्वागत के लिए राष्ट्रपति का आभार। यह यात्रा भारत-साइप्रस संबंधों को नई गति प्रदान करेगी, विशेषकर व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में.'


जी7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी

अपने दौरे के दूसरे चरण में, पीएम मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए कनाडा जाएंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, वे ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी सहयोग और नवाचार जैसे वैश्विक मुद्दों पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करेंगे.