प्रधानमंत्री मोदी की भूटान यात्रा: ऊर्जा साझेदारी और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान की दो दिवसीय यात्रा शुरू की, जहां वे जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के 70वें जन्मदिन समारोह में भाग लेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और भूटान के बीच ऊर्जा साझेदारी को मजबूत करना है, जिसमें पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन शामिल है। मोदी ने दिल्ली विस्फोट की घटना पर चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत और भूटान की मित्रता केवल भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं है। जानें इस यात्रा के पीछे के उद्देश्य और भूटान का भारत के लिए महत्व।
Nov 11, 2025, 13:28 IST
प्रधानमंत्री मोदी की भूटान यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भूटान पहुंचे, जहां उनकी दो दिवसीय यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिमालयी देश के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के 70वें जन्मदिन समारोह में भाग लेना है। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने पारो हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। इस दौरान, मोदी ने दिल्ली में हाल ही में हुए विस्फोट की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस घटना से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है और हमारी एजेंसियां इस साजिश की जड़ों तक पहुंचेंगी। भारत और भूटान की मित्रता केवल भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, मूल्यों, शांति और प्रगति से भी जुड़ी हुई है।
पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन
भूटान की यात्रा पर रवाना होते समय, मोदी ने कहा कि पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन भारत और भूटान के बीच ऊर्जा सहयोग की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। इस यात्रा के दौरान, वह भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मुलाकात करेंगे, जहां वे मिलकर इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, मोदी पूर्व नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती के समारोह में भी शामिल होंगे।
भारत-भूटान संबंधों को मजबूत करने का उद्देश्य
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और भूटान के बीच मित्रता और सहयोग के विशेष संबंधों को और मजबूत करना है। मोदी ने कहा कि पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन हमारी सफल ऊर्जा साझेदारी में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने 1,020 मेगावाट की इस संयुक्त परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि भूटान के लोगों के साथ इस विशेष अवसर पर शामिल होना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच मित्रता को और गहरा करेगी और साझा प्रगति के प्रयासों को मजबूत करेगी।
भूटान का भारत के लिए महत्व
भारत के लिए भूटान का महत्व
भूटान की उत्तरी सीमा चीन से लगती है। यदि भूटान में चीन का प्रभाव बढ़ता है, तो यह भारत के चिकन नेक (सिलिगुड़ी कॉरिडोर) के लिए खतरा बन सकता है, जो भारत के उत्तर-पूर्व को बाकी देश से जोड़ता है। भूटान भारत और चीन के बीच एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। भारत नहीं चाहता कि चीन यहां अपनी सैन्य उपस्थिति या प्रभाव बढ़ाए। भूटान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट का समर्थन करता है।