प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा: सुरक्षा और आतंकवाद पर ध्यान
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 से 9 जुलाई तक पांच देशों की यात्रा पर जाने वाले हैं, जिसमें सुरक्षा सहयोग, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और वैश्विक दक्षिण के साथ संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस यात्रा में घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल हैं, जिसका समापन 6 और 7 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में होगा। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपनी वैश्विक कूटनीति को तेज किया है, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। इसके जवाब में, भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना था। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान, भारत के नेताओं के संयुक्त घोषणापत्र में हमले की निंदा की उम्मीद है।
मोदी की सबसे लंबी कूटनीतिक यात्रा
यह यात्रा पिछले एक दशक में मोदी की सबसे लंबी कूटनीतिक यात्रा मानी जा रही है। प्रधानमंत्री का यह आठ दिवसीय दौरा दो महाद्वीपों को कवर करेगा, जिसमें घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, मोदी की यात्रा में ब्राजील के अलावा अन्य देशों का दौरा भी शामिल है। यह प्रधानमंत्री के रूप में मोदी का दूसरा पांच देशों का दौरा है, जो 2016 में संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, स्विट्जरलैंड, अफगानिस्तान और कतर की यात्रा के बाद हो रहा है।
कांग्रेस का मोदी की यात्रा पर सवाल उठाना
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि वह मणिपुर हिंसा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से भाग रहे हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यात्रा से पहले मोदी पर निशाना साधा। मोदी 2 से 5 जुलाई तक ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने और 'ग्लोबल साउथ' के देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए यात्रा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री की यात्रा पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि जब हालात कठिन होते हैं, तो स्व-घोषित कठिनाइयां भी बढ़ जाती हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को 'सुपर प्रीमियम फ़्रीक्वेंट फ़्लायर' बताते हुए कहा कि वह देश को आंदोलित करने वाले चार मुद्दों से भाग रहे हैं। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मणिपुर में सामान्य जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित होने के बावजूद प्रधानमंत्री ने वहां का दौरा नहीं किया।