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प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद यात्रा: भारतीय समुदाय के साहस की कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा को साहसिक बताया, यह कहते हुए कि उनके पूर्वजों ने कठिनाइयों का सामना किया। मोदी ने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को ‘बिहार की बेटी’ कहा और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों की सराहना की। उन्होंने भारतीय समुदाय के योगदान को त्रिनिदाद एवं टोबैगो के विकास में महत्वपूर्ण बताया। जानें इस यात्रा के दौरान मोदी के विचार और भारतीय संस्कृति के महत्व के बारे में।
 

प्रधानमंत्री मोदी का त्रिनिदाद एवं टोबैगो दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा को साहसिक बताते हुए कहा कि उनके पूर्वजों ने जो कठिनाइयाँ झेली, वे सबसे मजबूत व्यक्तियों को भी तोड़ सकती थीं। मोदी ने यह टिप्पणी बृहस्पतिवार को कोउवा के ‘नेशनल साइक्लिंग वेलोड्रोम’ में एक सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान की। उनकी यह यात्रा दो दिवसीय है, जिसमें उन्होंने भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में भाग लेकर शुरुआत की और कहा कि यह उनके लिए स्वाभाविक था क्योंकि ‘हम एक परिवार का हिस्सा हैं।’ त्रिनिदाद एवं टोबैगो की कुल जनसंख्या लगभग 13 लाख है, जिसमें 45 प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं। मोदी ने कहा, ‘यहां के भारतीय समुदाय की यात्रा साहस से भरी है।’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिनिदाद एवं टोबैगो में अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान, जो उनके पांच देशों के दौरे का दूसरा चरण है, अपनी समकक्ष प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को ‘बिहार की बेटी’ कहा। उन्होंने बिहार के बक्सर में उनके पूर्वजों की जड़ों पर भी प्रकाश डाला।


पोर्ट ऑफ स्पेन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर में रहते थे। वह खुद वहां जा चुकी हैं। लोग उन्हें गर्व से बिहार की बेटी कहते हैं।’ उन्होंने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों की सराहना की और कहा, ‘यहां के कई लोगों की जड़ें बिहार से जुड़ी हैं।’ उनके आगमन पर, प्रधानमंत्री कमला ने हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया, जिसमें उनकी पूरी कैबिनेट भी शामिल थी।


प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में सोहारी पत्ते पर भोजन परोसा गया, जो त्रिनिदाद एवं टोबैगो के लोगों, विशेषकर भारतीय मूल के लोगों के लिए सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस पत्ते पर अक्सर त्यौहारों और विशेष अवसरों पर भोजन परोसा जाता है।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनका भारतीय समुदाय के साथ पहला संपर्क पूरी तरह से स्वाभाविक था, क्योंकि ‘हम एक परिवार का हिस्सा हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आपके पूर्वजों ने जिन कठिनाइयों का सामना किया, वे सबसे मजबूत आत्माओं को भी तोड़ सकती थीं। लेकिन उन्होंने उम्मीद के साथ कठिनाइयों का सामना किया।’


उन्होंने कहा, ‘वे गंगा और यमुना को पीछे छोड़ गए, लेकिन अपने दिलों में रामायण को लेकर चले गए,’ और उन्हें ‘शाश्वत सभ्यता’ का संदेशवाहक बताया। ‘पोर्ट ऑफ स्पेन में सामुदायिक कार्यक्रम शानदार था। लोगों की ऊर्जा और गर्मजोशी ने इसे अविस्मरणीय बना दिया। हमारे सांस्कृतिक बंधन चमकते हैं!’ उन्होंने एक एक्स पोस्ट में कहा।


अपने संबोधन में, मोदी ने भारतीय समुदाय के सदस्यों के योगदान को त्रिनिदाद एवं टोबैगो के ‘सांस्कृतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक’ विकास में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर और राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू जैसी भारतीय मूल की प्रतिष्ठित हस्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि गिरमिटिया के वंशज अब संघर्ष से नहीं, बल्कि उनकी ‘सफलता, सेवा और मूल्यों’ से पहचाने जाते हैं।