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प्रधानमंत्री मोदी की जीवनी: 75 वर्ष की आयु में उनके सफर की कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन आज मनाया जा रहा है। उनका जीवन एक प्रेरणादायक यात्रा है, जिसमें उन्होंने चायवाले से लेकर भारत के प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय किया। गुजरात के वडनगर में जन्मे मोदी ने अपने प्रारंभिक जीवन में लोगों की सेवा का संकल्प लिया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े। उनके मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल ने गुजरात की तस्वीर को बदल दिया और 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने कई ऐतिहासिक सुधार किए। जानें उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 

परिवार और प्रारंभिक जीवन

प्रधानमंत्री मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। आज, जब वह अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं, सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने वालों की भरमार है। मोदी का परिवार साधारण था; उनके पिता का नाम दामोदरदास मोदी और मां का नाम हीराबेन मोदी था। उन्होंने एक मध्यमवर्गीय परिवार में पले-बढ़े और बचपन से ही लोगों की सेवा करने का संकल्प लिया। अपने प्रारंभिक वर्षों में, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ काम किया और बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए।


चायवाले से प्रधानमंत्री बनने की यात्रा

1980 के दशक में, पीएम मोदी ने संघ में विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। 1987 में, वह गुजरात में भाजपा के महासचिव बने। अक्टूबर 2001 से मई 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके 13 वर्षों के कार्यकाल ने राज्य की तस्वीर को बदल दिया। 2024 के संसदीय चुनावों में उनकी निर्णायक जीत ने करोड़ों भारतीयों के लिए आशा की किरण बनकर उभरी। 26 मई 2014 को राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के नारे के तहत, मोदी के कार्यकाल को कई ऐतिहासिक सुधारों और साहसिक निर्णयों के लिए जाना जाता है।