प्रधानमंत्री मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन: संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लाल किले से 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत के संविधान के निर्माण में योगदान देने वाले महान व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने विशेष रूप से संविधान सभा की महिला सदस्यों के योगदान को याद किया, जिसमें हंसा मेहता और दक्षायनी वेलायुधन जैसी प्रमुख महिलाएं शामिल थीं। मोदी ने कहा, "संविधान निर्माण में हमारी नारी शक्ति ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"
उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद, बाबासाहेब बी.आर. आंबेडकर, पंडित नेहरू, सरदार पटेल और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे महान नेताओं के योगदान को भी सराहा।
अनुच्छेद 370 का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि बताया। उन्होंने कहा, "मुखर्जी भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे।" मोदी ने यह भी कहा कि हम आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती मना रहे हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा, "जब हमने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की दीवार गिराई, तो हमने एक देश-एक संविधान के सिद्धांत को साकार किया और डॉ. मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी।" सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को संसद में कानून पारित कर अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को समाप्त कर दिया था.
भारत की संभावनाएं और चुनौतियां
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय अपार संभावनाएं थीं, लेकिन चुनौतियां भी बड़ी थीं। उन्होंने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर संविधान निर्माताओं को नमन किया।
उन्होंने कहा, "लाल किले पर आज कई विशेष महानुभाव उपस्थित हैं, जो दूर-दराज के गांवों से आए हैं। मैं यहां एक लघु भारत देख रहा हूं।"