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प्रधानमंत्री मोदी का संस्कृत दिवस पर संदेश: संस्कृत के प्रति बढ़ती जागरूकता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व संस्कृत दिवस पर अपने संदेश में संस्कृत के महत्व और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार के प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि संस्कृत ज्ञान का एक अनंत स्रोत है और इसके प्रभाव सभी क्षेत्रों में देखा जा सकता है। मोदी ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना और पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण जैसे कदमों का उल्लेख किया, जो विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए लाभकारी साबित हुए हैं।
 

संस्कृत दिवस पर प्रधानमंत्री का संदेश

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विश्व संस्कृत दिवस के अवसर पर अपने संदेश में बताया कि उनकी सरकार ने पिछले दस वर्षों में इस प्राचीन भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं।


उन्होंने कहा कि संस्कृत ज्ञान और अभिव्यक्ति का एक अनंत स्रोत है, जिसका प्रभाव सभी क्षेत्रों में देखा जा सकता है।


मोदी ने इस अवसर पर उन सभी लोगों की सराहना की जो संस्कृत को सीखने और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयासरत हैं। यह दिवस हर साल ‘श्रावण पूर्णिमा’ के दिन मनाया जाता है।


प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना, संस्कृत शिक्षण केंद्रों की स्थापना, विद्वानों को अनुदान देने और प्राचीन संस्कृत पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के लिए एक मिशन की शुरुआत जैसे विभिन्न उपायों का हवाला दिया।


उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से अनगिनत विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को लाभ मिला है। हिंदू महाकाव्यों सहित कई महत्वपूर्ण प्राचीन ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं, लेकिन अब यह भाषा मुख्य रूप से धार्मिक कार्यों तक सीमित रह गई है।