प्रधानमंत्री मोदी का संसद में सार्थक चर्चा का आह्वान
संसद के मानसून सत्र में प्रधानमंत्री का संबोधन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के मानसून सत्र में विभिन्न मुद्दों पर सार्थक चर्चा की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों के अपने-अपने एजेंडे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भले ही दलों के हितों में मतभेद हों, लेकिन देश के हित में सभी को एकजुट होना चाहिए।
सत्र की शुरुआत से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए, मोदी ने इसे ‘विजयोत्सव’ करार दिया। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की सैन्य शक्ति को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से प्रदर्शित किया। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में सेना ने 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया और महज 22 मिनट में आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया।
मोदी ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद हमारे सांसदों ने पाकिस्तान को आतंकवाद के आका के रूप में बेनकाब किया। विश्व ने भारत की बातों को सुनने के लिए अपने मन के द्वार खोले हैं, और इसके लिए हमारे राजनीतिक दलों और सांसदों की सराहना की जानी चाहिए।’’ उन्होंने सेना की ताकत की सराहना करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तिरंगा लहराया गया है, जो देश की प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘‘नक्सलवाद का प्रभाव अब कम हो रहा है, और जो क्षेत्र कभी ‘रेड कॉरिडोर’ कहलाते थे, वे अब ‘ग्रीन, ग्रोथ जोन’ में बदल रहे हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। पहले महंगाई दर दोहरे अंकों में थी, लेकिन अब यह लगभग दो प्रतिशत पर आ गई है, जिससे आम आदमी को राहत मिली है।’’
मोदी ने बताया कि इस सत्र में नागरिकों के हितों से जुड़े कई विधेयक प्रस्तावित हैं, जिन्हें चर्चा कर पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘सभी दलों के अलग-अलग एजेंडे हैं, लेकिन देश के हित में सभी को एकजुट होना चाहिए।’’ उन्होंने संसद में एकता की ताकत को भी रेखांकित किया।