प्रधानमंत्री मोदी का बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा, राहत कार्यों की समीक्षा
प्रधानमंत्री का दौरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द ही बाढ़ से प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे ताकि स्थिति का आकलन किया जा सके। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को दी।
उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश के कारण गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई है। इस बारिश ने सड़कों और संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया है और जनहानि भी हुई है।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्य इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, मोदी इन क्षेत्रों का दौरा करेंगे, खासकर जब कुछ राज्य सरकारें संकट से निपटने के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग कर रही हैं।
हिमाचल प्रदेश में बाढ़ का संकट
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार, 20 जून से अब तक हिमाचल प्रदेश में 355 लोगों की मौत हो चुकी है। मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन, इमारतों का ढहना और बुनियादी ढाँचे का बहना हुआ है, जिससे यह राज्य अपने सबसे विनाशकारी मानसून का सामना कर रहा है।
पंजाब में बाढ़ का खतरा
ब्यास, सतलुज, रावी और घग्गर जैसी नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे पंजाब में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रमुख बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है।
राज्य के 23 जिलों में लगभग 1,650 गाँव जलमग्न हैं, जिससे 1.75 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है। सबसे अधिक प्रभावित जिलों में गुरदासपुर है, जहाँ 1.45 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में 37 लोगों की मौत हो चुकी है और तीन लोग लापता हैं।
गुजरात और राजस्थान में बाढ़ की स्थिति
आईएमडी ने गुजरात के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जहाँ भारी बारिश के कारण बांधों से पानी छोड़ना पड़ा है। वडोदरा में जलभराव और बिजली की कटौती जैसी समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं।
राजस्थान में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है, जहाँ 35 से अधिक जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। अजमेर के बोराज बांध की दीवार गिरने से स्थिति और बिगड़ गई है।
जम्मू और कश्मीर में राहत कार्य
जम्मू और कश्मीर में गृह मंत्रालय की एक टीम ने बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए दौरा किया। गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को डेटा एनालिटिक्स और एआई का उपयोग करने का निर्देश दिया है।
निकासी और राहत कार्य
उत्तरी क्षेत्र में 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। एनडीआरएफ की टीमें और सेना लगातार बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। आईएमडी ने आने वाले दिनों में बारिश में कमी की संभावना जताई है।