×

प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक 79वां स्वतंत्रता दिवस भाषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से 103 मिनट का भाषण देकर नया रिकॉर्ड स्थापित किया। यह भाषण भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया सबसे लंबा संबोधन है। मोदी ने लगातार 12वीं बार इस समारोह में भाग लेकर इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ा। जानें उनके भाषण की प्रमुख बातें और ऐतिहासिक संदर्भ।
 

79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह

आज भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाता है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले से इस विशेष अवसर का नेतृत्व किया। उन्होंने तिरंगा फहराते हुए और राष्ट्रगान गाते हुए, लगातार 12वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन की शुरुआत की। इस समारोह में हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें विशिष्ट अतिथि, वरिष्ठ सरकारी और रक्षा अधिकारी तथा खिलाड़ी शामिल थे। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो सके।


मोदी का सबसे लंबा भाषण

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 103 मिनट का भाषण दिया, जो स्वतंत्रता दिवस पर किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया सबसे लंबा संबोधन है। उन्होंने पिछले वर्ष के 98 मिनट के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। 2016 में उनका सबसे लंबा भाषण 96 मिनट का था, जबकि 2017 में उन्होंने 56 मिनट का सबसे छोटा भाषण दिया था।


इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ना

इस वर्ष, मोदी ने लगातार 12वीं बार लाल किले से भाषण देकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अब वह जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे स्थान पर हैं, जिन्होंने लगातार 17 बार स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया था। मोदी का पहला भाषण 2014 में 65 मिनट का था, और इसके बाद के वर्षों में उनके भाषणों की अवधि में उतार-चढ़ाव आया।


पूर्व प्रधानमंत्रियों के रिकॉर्ड

मोदी से पहले, जवाहरलाल नेहरू और इंद्र कुमार गुजराल ने क्रमशः 72 और 71 मिनट के सबसे लंबे भाषण दिए थे। नेहरू और इंदिरा गांधी ने क्रमशः 1954 और 1966 में 14 मिनट के सबसे छोटे भाषण भी दिए थे। पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण भी छोटे रहे, जिनमें सिंह के 2012 और 2013 में केवल 32 और 35 मिनट के भाषण शामिल हैं।


प्रधानमंत्री मोदी का रिकॉर्ड

प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार 12 बार लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित कर इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इंदिरा गांधी ने 16 बार इस अवसर पर भाषण दिया, जिनमें से 11 बार लगातार थे। जवाहरलाल नेहरू ने 17 बार इस समारोह में भाग लिया।