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प्रधानमंत्री मोदी का आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु दौरा: किसानों के लिए पीएम-किसान योजना की नई किस्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे, जिसमें पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त का वितरण शामिल है। इस योजना से नौ करोड़ किसानों को लाभ होगा। मोदी का दौरा भाजपा के 'वणक्कममोदी' अभियान के साथ मेल खाता है, जिसमें उन्हें किसानों का सच्चा मित्र बताया गया है। इस दौरान, कृषि शिखर सम्मेलन का आयोजन भी होगा, जिसमें 50,000 से अधिक किसान और अन्य हितधारक भाग लेंगे। जानें इस दौरे का महत्व और किसानों के लिए नई योजनाएं।
 

प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इस दौरान, वे पीएम-किसान योजना के तहत नौ करोड़ किसानों के लिए 18,000 करोड़ रुपये की 21वीं किस्त जारी करेंगे। पीएमओ द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री सुबह आंध्र प्रदेश पहुंचकर पुट्टपर्थी में भगवान श्री सत्य साईं बाबा के मंदिर और महासमाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।


पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त से देशभर के नौ करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। प्रत्येक योग्य किसान को सालाना 6,000 रुपये तीन समान किस्तों में उनके बैंक खातों में सीधे भेजे जाएंगे.


भाजपा का वणक्कममोदी अभियान

प्रधानमंत्री के दौरे से पहले, तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 'वणक्कममोदी' अभियान की शुरुआत की है, जिसमें उन्हें हर किसान का सच्चा मित्र बताया गया है। भाजपा की कोयंबटूर दक्षिण की विधायक और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री आज कोयंबटूर में एक व्यस्त कार्यक्रम के लिए पहुंचेंगे।


दोपहर 1.05 बजे एक रोड शो का आयोजन किया जाएगा, जो तमिलनाडु के समर्थन का एक बड़ा प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि कोयंबटूर प्रेरणा और विकास की नई लहर का स्वागत करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री पुट्टपर्थी में दिवंगत आध्यात्मिक नेता श्री सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह में भाग लेने के बाद दोपहर डेढ़ बजे दक्षिण भारत की कपड़ा राजधानी पहुंचेंगे.


कृषि शिखर सम्मेलन का महत्व

यह आयोजन महत्वपूर्ण है क्योंकि पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त 'देशभर के मेहनती किसानों' को जारी की जाएगी। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत के कृषि भविष्य के लिए एक व्यवहार्य, जलवायु-अनुकूल और आर्थिक रूप से टिकाऊ मॉडल के रूप में प्राकृतिक और पुनर्योजी खेती की दिशा में बदलाव को गति देना है.


एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिखर सम्मेलन में किसान-उत्पादक संगठनों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए बाजार संपर्क बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, साथ ही जैविक आदानों, कृषि-प्रसंस्करण, पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग और स्वदेशी तकनीकों में नवाचारों का प्रदर्शन भी किया जाएगा.


शिखर सम्मेलन में भागीदारी

इस शिखर सम्मेलन में तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के 50,000 से अधिक किसान, प्राकृतिक कृषि व्यवसायी, वैज्ञानिक, जैविक आदान आपूर्तिकर्ता, विक्रेता और अन्य हितधारक शामिल होंगे.