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प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या दौरा: राम मंदिर पर भगवा ध्वज फहराने की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराने के लिए आएंगे, जो मंदिर के निर्माण की पूर्णता का प्रतीक है। इस कार्यक्रम के बाद, प्रधानमंत्री सभा को संबोधित करेंगे। अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिसमें 6,970 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। श्रद्धालुओं का उत्साह और भक्ति का माहौल है, और समारोह को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। जानें इस ऐतिहासिक अवसर के बारे में और क्या खास है।
 

प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराने के लिए उपस्थित होंगे, जो मंदिर के निर्माण की पूर्णता का प्रतीक है। इस कार्यक्रम के बाद, जिसे कई लोग प्रतीकात्मक 'दूसरी प्राण प्रतिष्ठा' मानते हैं, प्रधानमंत्री सभा को संबोधित करेंगे। जनवरी 2024 में राम लला के गर्भगृह में प्रतिष्ठित होने के बाद, झंडा फहराना राम मंदिर के निर्माण की औपचारिक घोषणा मानी जाएगी। उनके आगमन से पहले, अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। शहर में सुरक्षा व्यवस्था के तहत ATS, NSG स्नाइपर्स, साइबर विशेषज्ञों और तकनीकी टीमों के कमांडो सहित कुल 6,970 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।


अयोध्या में भक्ति का माहौल

मंगलवार सुबह अयोध्या आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति से भरी हुई थी, जब राम मंदिर के निर्माण के समापन के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से पहले पूरा शहर 'जय श्री राम' के नारों से गूंज उठा। साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष पूजा-अर्चना की। भोर होते ही गलियों, घाटों और मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी। रायबरेली के डलमऊ से आए स्वामी नरोत्तमानंद गिरि ने कहा, 'यह अत्यंत सौभाग्य का दिन है। यह क्षण घोर तपस्या के बाद आया है और ध्वजारोहण में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है।'


भावुक संत और समारोह की तैयारी

राम मंदिर आंदोलन के प्रारंभिक दौर से जुड़े 95 वर्षीय संत देवेंद्रानंद गिरि भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि जीवन में इस दिन को देखने की उम्मीद उन्होंने कभी नहीं की थी। उन्होंने कहा, 'इस उम्र में मंदिर का निर्माण पूरा होते देखना मुझे अपार आनंद देता है।' राम मंदिर ट्रस्ट के विशेष आमंत्रित सदस्य गोपाल राव ने बताया कि समारोह में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत शामिल होंगे।


सुरक्षा व्यवस्था और समारोह का कार्यक्रम

गोपाल राव ने कहा, 'अनुष्ठान पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री सुबह 10 बजे परिसर में प्रवेश करेंगे और लगभग 1.30 बजे तक रहेंगे। इस दौरान दर्शन, पूजा, ध्वजारोहण और संबोधन होगा।' उन्होंने यह भी बताया कि आम जनता के लिए दर्शन मंगलवार शाम से फिर से शुरू हो सकते हैं। समारोह के लिए तड़के ही अयोध्या पहुंचने वालों में एक बुजुर्ग श्रद्धालु भी थे, जिन्होंने कहा, 'यह क्षण 500 वर्षों के बाद आया है। हमारे पूर्वजों ने इस दिन का इंतज़ार किया और त्याग किया। हम इसे देखकर धन्य हैं।'


ध्वजारोहण का महत्व

प्रधानमंत्री दोपहर करीब 12 बजे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे। यह आयोजन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी पर श्रीराम और मां सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त के साथ होगा। 10 फुट ऊंचा और 20 फुट लंबा समकोण त्रिभुजाकार ध्वज का आरोहण किया जाएगा, जिस पर भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक चमकते सूरज की तस्वीर है। इस पर कोविदारा पेड़ की तस्वीर के साथ 'ओम' लिखा है। पवित्र भगवा ध्वज रामराज्य के आदर्शों को दिखाते हुए गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा।