प्रधानमंत्री मोदी 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह में शामिल होंगे
ध्वजारोहण समारोह की तैयारी
25 नवंबर को होने वाले ऐतिहासिक राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह के लिए अयोध्या पूरी तरह से तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंकराचार्य प्रवेश द्वार से मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे, जिसे भव्यता के साथ सजाया गया है। सुरक्षा के सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।
मंच और सजावट
मंदिर परिसर में दो अलग-अलग मंच बनाए गए हैं। एक मंच पर प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करेंगे और दूसरे मंच से श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे। प्रवेश द्वार के दक्षिण हिस्से में खाल बिछाई गई है और मार्ग पर मिट्टी पटाई गई है। व्यू कटर और पक्का रैंप भी तैयार किया गया है। बौच क्षेत्र को सजावटी पौधों और सुगंधित फूलों से सजाया गया है।
ध्वज फहराने की प्रक्रिया
राम मंदिर के शिखर पर 191 फीट ऊंचाई पर ध्वज फहराने के लिए विशेष मचान तैयार किया गया है, जिस पर सेना के विशेषज्ञ तैनात रहेंगे। प्रधानमंत्री मंच से डोरी खींचकर ध्वज फहराएंगे, जबकि सेना के विशेषज्ञ पूर्वनिर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ध्वज आरोहण सुनिश्चित करेंगे।
समारोह में उपस्थित प्रमुख व्यक्ति
ध्वजारोहण के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंच पर पहुंचेंगे। ट्रस्ट महासचिव चंपत राय और अन्य पदाधिकारी उनका स्वागत करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री जनता को संबोधित करेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था
दिल्ली में हाल के बम विस्फोटों और बढ़ते सुरक्षा जोखिमों को देखते हुए प्रशासन ने राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा को और सख्त किया है। 25 नवंबर को मेहमानों को मोबाइल फोन लेकर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। अतिरिक्त मेटल डिटेक्टर, डॉग स्क्वॉड, सर्विलांस सिस्टम और नए हाईटेक कैमरों की तैनाती की गई है।
आधुनिक तकनीक का उपयोग
सभी कैमरों को एकीकृत कर आधुनिक कंट्रोल रूम से रियल-टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह के दौरान सुरक्षा में कोई चूक न हो।