पॉल्यूशन से खांसी की समस्या: आयुर्वेदिक उपायों से पाएं राहत
पॉल्यूशन और खांसी का बढ़ता खतरा
पॉल्यूशन में बढ़ती खांसी
देश के विभिन्न क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस समय एक आम समस्या जो तेजी से बढ़ रही है, वह है लगातार खांसी। प्रदूषित वायु में मौजूद सूक्ष्म कण गले और फेफड़ों की झिल्ली को प्रभावित करते हैं, जिससे बलगम और सूखी खांसी की समस्या बढ़ जाती है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से सांस संबंधी बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों पर इसका प्रभाव अधिक होता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि लोग सतर्क रहें और खांसी को हल्के में न लें।
पॉल्यूशन से उत्पन्न खांसी के कई प्रारंभिक लक्षण होते हैं, जैसे गले में खराश, सूखी या बलगमी खांसी, सीने में जलन, सांस लेने में कठिनाई, और नाक का बंद होना। कई व्यक्तियों को सुबह उठते ही तेज खांसी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि रातभर प्रदूषित कण श्वसन तंत्र में जमा हो जाते हैं। यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, फेफड़ों में संक्रमण और श्वसन तंत्र की सूजन जैसी गंभीर समस्याओं में बदल सकती है। लगातार खांसी से नींद, भूख और दैनिक गतिविधियों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, यदि प्रदूषण के कारण खांसी बढ़ रही है, तो लक्षणों को पहचानकर समय पर देखभाल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आयुर्वेदिक उपायों से खांसी से बचाव
खांसी से बचाव के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक तरीके
दिल्ली सरकार में आयुर्वेद के विशेषज्ञ डॉ. आर.पी. पराशर के अनुसार, पॉल्यूशन से होने वाली खांसी को नियंत्रित करने के लिए शरीर के इम्यून सिस्टम और श्वसन तंत्र की सफाई आवश्यक है। इसके लिए सुबह गुनगुने पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन सूजन को कम करने और संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
तुलसी-पानी, तुलसी-अदरक का काढ़ा या मुलेठी की चाय गले को आराम देती है और खांसी को कम करती है। भाप लेना भी एक प्रभावी उपाय है, जिससे बलगम ढीला होता है और सांस लेने में आसानी होती है। आयुर्वेद में च्यवनप्राश, सितोपलादि चूर्ण और मुलेठी पाउडर का उपयोग इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए किया जाता है। घर में घी लगी हल्दी की एक चुटकी लेना भी खांसी और गले के सूखेपन में राहत प्रदान करता है.
अन्य सावधानियाँ
ये भी जरूरी
बाहर जाते समय मास्क पहनना न भूलें।
सुबह-शाम तुलसी की 45 पत्तियां खाना फायदेमंद है।
घर में एयर-प्यूरीफायर का उपयोग करें।
धूल-धुआं वाले क्षेत्रों से बचें।
पर्याप्त पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।