पॉलिटिक्स के लिए एक्टिंग को अलविदा कहने वाले 5 सुपरस्टार्स
सुपरस्टार्स का राजनीति में कदम
जानिए उन सितारों को जिन्होंने जनता के लिए कुर्बान किया करियर।Image Credit source: सोशल मीडिया
थलपति विजय का राजनीति में प्रवेश: भारतीय सिनेमा में कई बड़े सितारे जब सत्ता में आए, तो उनके फैंस को निराशा का सामना करना पड़ा। थलपति विजय ने हाल ही में मलेशिया में एक प्रमोशनल इवेंट में अपनी अंतिम फिल्म ‘जन नायकन’ के बाद एक्टिंग छोड़ने की घोषणा की। हालांकि, वे पहले नहीं हैं जिन्होंने राजनीति के लिए फिल्मी करियर को अलविदा कहा। आइए जानते हैं उन सितारों के बारे में जिन्होंने राजनीति के लिए फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ दिया।
1. थलपति विजय भारतीय सिनेमा के सबसे महंगे सितारों में से एक हैं। उनकी पिछली फिल्में आसानी से 600 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी हैं। लेकिन उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी ‘तमिलगा वेत्री कषगम’ (टीवीके) के लिए 33 साल के करियर को समाप्त करने का निर्णय लिया है। विजय का कहना है कि वे अब अपने अगले 30 साल जनता की सेवा में बिताना चाहते हैं।
2. एम. जी. रामचंद्रन (एमजीआर)
विजय के आदर्श एमजीआर ने भी राजनीति के लिए एक्टिंग छोड़ दी थी। तमिल सिनेमा के इस दिग्गज ने जब राजनीति में कदम रखा, तब उन्होंने गरीबों के मसीहा के रूप में अपनी छवि बनाई। उन्होंने एआईएडीएमके (ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) की स्थापना की और 10 साल तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे।
3. एन. टी. रामा राव (एनटीआर)
तेलुगु सिनेमा के सुपरस्टार एनटीआर को उनके प्रशंसक भगवान मानते थे। 1982 में उन्होंने ‘तेलुगु देशम पार्टी’ (टीडीपी) की स्थापना की और आंध्र प्रदेश की सत्ता में बदलाव किया। राजनीति उनके लिए एक मिशन था, न कि एक साइड बिजनेस।
4. जयललिता
तमिल सिनेमा की ‘क्वीन’ जयललिता ने भी एमजीआर के साथ कई सफल फिल्में कीं। लेकिन जब उन्होंने राजनीति को चुना, तो उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली और तमिलनाडु की राजनीति में ‘अम्मा’ के नाम से जानी जाने लगीं।
5. विनोद खन्ना
बॉलीवुड के हैंडसम हंक विनोद खन्ना ने पहले ओशो के पास जाकर ध्यान किया और फिर राजनीति में कदम रखा। जब वे गुरदासपुर से सांसद बने, तब उन्होंने अपने करियर के पीक पर फिल्मों से दूरी बना ली। हालांकि, उन्होंने कुछ फिल्में कीं, लेकिन उनकी प्राथमिकता हमेशा राजनीति और समाज सेवा रही।