पैर की धमनी रोग: लक्षण, उपचार और बचाव के उपाय
पैर की धमनी रोग क्या है?
पैर की धमनी रोग (Peripheral Artery Disease - PAD): यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो पैरों में रक्त के प्रवाह को बाधित करती है। यह केवल पैरों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे शरीर के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यदि इसका समय पर उपचार नहीं किया गया, तो यह पैर काटने की स्थिति तक पहुंचा सकती है। इस बीमारी के लक्षणों की पहचान और उपचार समय पर करना न केवल जीवन को बचा सकता है, बल्कि मरीज को भी राहत प्रदान कर सकता है।
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) के लक्षण
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज में पैरों की रक्त वाहिकाओं का संकुचन होता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है। यह वही प्रक्रिया है जो दिल की बीमारी का कारण बनती है। जब रक्त वाहिकाएं संकीर्ण होती हैं, तो पैरों में दर्द, घाव, सूजन और कभी-कभी गैंग्रीन जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह स्थिति विशेष रूप से 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में अधिक देखी जाती है, और यदि व्यक्ति को डायबिटीज है, तो इसका खतरा और भी बढ़ जाता है।
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के लक्षण
इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों में पैरों में चलने के दौरान दर्द या ऐंठन महसूस होना शामिल है, जिसे इंटरमिटेंट क्लॉडिकेशन कहा जाता है। यह दर्द तब होता है जब पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। यदि इस समस्या का समय पर इलाज नहीं किया गया, तो स्थिति गंभीर हो सकती है, और मरीज को ऑपरेशन या पैर की अंगुली काटने की आवश्यकता भी हो सकती है।
जल्दी इलाज का महत्व
हाल ही में ग्लेनफील्ड अस्पताल लेस्टर में एक अध्ययन में पाया गया कि यदि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का जल्दी इलाज किया जाए, तो पैर को बचाने का खतरा आधा हो सकता है। अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि जितना जल्दी इलाज होगा, उतना ही पैर बचाने का खतरा कम होगा। यदि इलाज में देरी होती है, तो पैरों में रक्त प्रवाह पूरी तरह से रुक सकता है, जिससे गैंग्रीन और अन्य जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से बचाव के उपाय
इस शोध ने यह भी साबित किया है कि समय पर इलाज न केवल रोगी के लिए राहत का कारण बन सकता है, बल्कि यह जीवन बचाने में भी मदद कर सकता है। यदि रोगी किसी भी असामान्य लक्षण जैसे पैरों में दर्द, घाव या काले निशान को जल्दी पहचानते हैं और डॉक्टर से संपर्क करते हैं, तो रोग को गंभीर स्थिति तक पहुंचने से रोका जा सकता है।
- धूम्रपान से बचें: धूम्रपान से रक्त वाहिकाएं संकुचित होती हैं, जिससे PAD की स्थिति और खराब हो सकती है।
- नियमित व्यायाम करें: व्यायाम रक्त प्रवाह को सुधारता है और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- डायबिटीज को नियंत्रित रखें: यदि आपको डायबिटीज है, तो अपने शुगर लेवल को नियंत्रित रखना जरूरी है।
- सही आहार लें: संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली से रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखा जा सकता है।
निष्कर्ष
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज एक गंभीर स्थिति है जिसका समय पर इलाज होना आवश्यक है। यदि इसका उपचार जल्दी नहीं किया गया, तो यह पैरों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और कभी-कभी पैर काटने की नौबत भी आ सकती है। ग्लेनफील्ड अस्पताल के अध्ययन से यह सिद्ध हुआ है कि जल्दी इलाज से पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के मरीजों के लिए पैर बचाने की संभावना 57 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इसलिए यदि आपको पैरों में दर्द, घाव या काले निशान जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वस्थ जीवनशैली और समय पर इलाज से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।