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पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु: एक रहस्यमय कहानी

पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु के पीछे कई रहस्यमय कहानियाँ हैं। कुछ लोग इसे प्राकृतिक मानते हैं, जबकि अन्य इसे जहर देने का परिणाम मानते हैं। जानें जैनब बिनत अल हरिद की कहानी और कैसे पैगंबर ने चार साल तक दर्द सहा। इस लेख में हम इस ऐतिहासिक घटना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
 

पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु के रहस्य


नई दिल्ली। इस्लाम के प्रवर्तक पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु के बारे में कई मत हैं। कुछ लोग इसे प्राकृतिक मानते हैं, जबकि विशेष रूप से शिया समुदाय के लोग मानते हैं कि उनकी मृत्यु जहर के कारण हुई थी।


कहा जाता है कि पैगंबर को एक यहूदी महिला ने जहर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मृत्यु हुई। आइए जानते हैं इस घटना के पीछे की कहानी।


मौत का कारण पैगंबर मोहम्मद को जब अल्लाह का संदेश मिला, तब से लेकर उनकी मृत्यु तक कई बार उन पर जानलेवा हमले हुए। इस्लामिक ग्रंथों और ऐतिहासिक दस्तावेजों में इस बात के कई प्रमाण मिलते हैं। सबसे बड़ा हमला एक महिला द्वारा किया गया था, जिसके कारण उनकी मृत्यु को प्राकृतिक नहीं माना गया।


जहरीला मांस वर्ष 629 में, पैगंबर ने खैबर क्षेत्र में इस्लाम का प्रचार करने के लिए आक्रमण किया। इस लड़ाई में कई यहूदियों की जान गई। पैगंबर ने इस लड़ाई में विजय प्राप्त की, लेकिन कई परिवार बर्बाद हो गए। इनमें से एक महिला, जैनब बिनत अल हरिद, अपने परिवार की हत्या का बदला लेना चाहती थी। हदीस और सिरा में उल्लेख है कि उनकी मृत्यु का कारण जहरीला मांस था।


दर्दनाक अंत सुन्न अबू दाऊद हदीस नंबर 4512 में बताया गया है कि जैनब ने एक बकरा मारकर उसमें जहर मिलाया और उसे पैगंबर को खिलाया। जैनब का मानना था कि यदि पैगंबर की मृत्यु होती है, तो वह साधारण इंसान हैं, और यदि नहीं होती, तो वह अल्लाह के भेजे हुए हैं। पैगंबर ने उस मांस का स्वाद लिया और इसके बाद चार साल तक दर्द में रहे। उन्हें पता था कि जैनब ने उन्हें जहर दिया है, फिर भी उन्होंने उसे माफ कर दिया। चिकित्सकों ने उनकी मदद करने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पैगंबर के अंतिम समय में उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी थी और वह अपने आसपास के लोगों पर संदेह करने लगे थे। एक बार तो उन्होंने आयशा पर भी शक किया, क्योंकि उसने उन्हें दवा दी थी।