पेट की समस्याएं और वजन बढ़ने के कारण: जानें उपाय
पेट की समस्याओं से वजन बढ़ने का कारण
यदि आप लगातार पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं और आपका वजन बढ़ रहा है, तो केवल डाइटिंग या व्यायाम करना पर्याप्त नहीं है। कुछ पेट की बीमारियाँ वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं। आइए जानते हैं ये बीमारियाँ कौन सी हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है।
पाचन समस्याओं के कारण वजन बढ़ना
अधिकतर लोग मानते हैं कि पेट की समस्याएँ केवल वजन कम करने पर असर डालती हैं, लेकिन कुछ समस्याएँ वजन बढ़ाने का कारण भी बन सकती हैं। ये समस्याएँ मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती हैं और शरीर में फैट जमा करने की प्रक्रिया को तेज कर देती हैं। यदि आपका वजन बिना किसी स्पष्ट कारण के बढ़ रहा है और पेट से जुड़ी समस्याएँ भी हैं, तो यह किसी आंतरिक बीमारी का संकेत हो सकता है।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS)
IBS एक सामान्य समस्या है, जिसमें पेट में सूजन, गैस, कब्ज या डायरिया जैसे लक्षण होते हैं। यह मानसिक तनाव और आंतों की संवेदनशीलता से जुड़ा होता है। जब कब्ज की समस्या बढ़ती है, तो व्यक्ति को पेट भारी महसूस होता है और शरीर में पानी रुकने की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
आंतों में बैक्टीरिया का असंतुलन
दिल्ली के एक गैस्ट्रोलॉजिस्ट के अनुसार, आंतों में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का असंतुलन भी वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है। एंटीबायोटिक्स के अत्यधिक उपयोग या जंक फूड के सेवन से यह असंतुलन उत्पन्न होता है, जिससे सूजन बढ़ती है और मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है।
कब्ज और वजन
कब्ज भी वजन बढ़ाने में योगदान कर सकता है। जब मल शरीर में लंबे समय तक रुका रहता है, तो टॉक्सिन बाहर नहीं निकल पाते, जिससे पेट फूला हुआ महसूस होता है और वजन बढ़ता है। लंबे समय तक कब्ज रहने से ऊर्जा कम होती है और शारीरिक गतिविधियाँ घट जाती हैं।
पाचन एंजाइम्स की कमी
कुछ व्यक्तियों में पाचन एंजाइम्स की कमी होती है, जिससे खाना ठीक से नहीं पचता और वजन बढ़ने लगता है। पैंक्रियास की खराबी या गैस्ट्राइटिस जैसी समस्याएँ एंजाइम उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं।
लीकी गट सिंड्रोम
लीकी गट सिंड्रोम एक नई समस्या है, जिसमें आंतों की दीवार कमजोर हो जाती है और हानिकारक कण रक्त में प्रवेश कर जाते हैं। इससे शरीर में सूजन बनी रहती है, जो मेटाबॉलिज्म को कमजोर कर देती है और वजन बढ़ने का कारण बनती है।
स्वास्थ्य के लिए सुझाव
इन समस्याओं से बचने के लिए अपने पाचन तंत्र का ध्यान रखना आवश्यक है। संतुलित आहार, प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ, फाइबर युक्त चीजें और पर्याप्त पानी का सेवन करें। यदि पेट से जुड़ी समस्याएँ बार-बार हो रही हैं और वजन बढ़ रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श करना सबसे उचित होगा। पेट की सेहत को बनाए रखने से वजन संतुलित रहेगा और शरीर स्वस्थ महसूस करेगा।