पृथ्वीराज नगर योजना: हाई-टेंशन लाइन के नीचे रोड और पट्टे की समस्या
पृथ्वीराज नगर योजना का इतिहास
जयपुर की पृथ्वीराज नगर योजना लगभग चार दशकों पुरानी है, जिसमें 800 कॉलोनियां शामिल हैं। 40 साल पहले, हाई टेंशन लाइन के नीचे कितने फीट का सड़क छोड़ना है, इस पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं थे। इस कारण सोसायटी के लोगों ने 40 से 80 फीट के बीच सड़कें छोड़ दीं। 2015 से पहले, जेडीए ने हाई टेंशन लाइन के नीचे 60 फीट सड़क पर पट्टे जारी किए, जैसे कि विधुत नगर के सारथी मार्ग और निर्माण नगर के गौतम मार्ग।
2015 में नियमों में बदलाव
2015 में, बीजेपी सरकार के दौरान, 3 फरवरी को यूडीएच विभाग ने NTPC के नियमों का हवाला देते हुए एक अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना में 132 केवी की हाई टेंशन लाइन के नीचे 105 फीट (45 फीट का सुरक्षा कॉरिडोर और दोनों तरफ 30-30 फीट का सड़क) और 220 केवी की हाई टेंशन लाइन के नीचे 120 फीट (60 फीट का सुरक्षा रोड और दोनों तरफ 30-30 फीट का सड़क) के आदेश दिए गए। इससे पृथ्वीराज नगर के लगभग 25,000 लोग जेडीए पट्टे से वंचित हो गए।
कानूनी विवाद
40 साल पुरानी कॉलोनियों पर 2015 के नियमों को लागू करना कानूनी दृष्टि से गलत था। ये नियम केवल 2015 के बाद की कॉलोनियों पर लागू होने चाहिए थे, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। 16 जुलाई 2020 को केंद्र सरकार ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हाई टेंशन लाइन के नीचे नई गाइडलाइन जारी की।
नए नियमों का सर्वेक्षण
पृथ्वीराज नगर की कॉलोनियां घनी आबादी वाले क्षेत्र में आती हैं। 2020 के नियमों को लागू करने के लिए पिछली कांग्रेस सरकार में यूडीएच मंत्री को ज्ञापन दिया गया। इसके बाद, यूडीएच ने RVVPN से सर्वे करवाया, जिसमें बताया गया कि नए नियमों को लागू करने पर लगभग 650 रुपये का खर्च आएगा।
समस्या का समाधान
इसके बाद, यूडीएच ने जेडीए के सचिव को सितंबर 2023 में पत्र जारी किया। लेकिन बीजेपी सरकार के आने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। स्थानीय विधायक को भी लोगों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।