पृथ्वीराज चव्हाण का विवादास्पद बयान: ऑपरेशन सिंदूर पर उठे सवाल
चव्हाण का बयान और राजनीतिक हलचल
पुणे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में एक ऐसा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। चव्हाण ने कहा कि इस ऑपरेशन के पहले दिन भारत को गंभीर हार का सामना करना पड़ा और भारतीय वायुसेना पूरी तरह से निष्क्रिय रही।
उन्होंने यह भी कहा कि 7 मई को हुई हवाई झड़प में भारतीय पक्ष को भारी नुकसान हुआ, चाहे लोग इसे स्वीकार करें या नहीं। चव्हाण ने यह दावा किया कि इस दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों को गिराया गया और वायुसेना का कोई भी विमान उड़ान नहीं भर सका।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर की वास्तविकता को देश के सामने नहीं रखा गया है। उनके अनुसार, युद्ध में नुकसान होना सामान्य है, लेकिन सरकार कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपा रही है। उन्होंने कहा कि सेना के स्तर पर हुई रणनीतिक चूक को स्वीकार किया गया है, लेकिन सरकार सच को उजागर नहीं होने दे रही है।
सीजफायर पर उठाए सवाल
चव्हाण ने यह भी कहा कि विदेशी मीडिया भारत को हुए नुकसान की बात कर रहा है, और चीन के कारण पाकिस्तान की सैन्य ताकत में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि भारत के किसी भी विमान के उड़ान भरते ही चीन को इसकी जानकारी मिल जाती है, जो पाकिस्तान तक पहुँच जाती है, जिससे भारत का “सरप्राइज एलिमेंट” समाप्त हो जाता है।
चव्हाण ने 10 मई की लड़ाई का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दिन वायुसेना को पूरी तरह से अलग रखा गया और जमीनी स्तर पर कार्रवाई की गई। उन्होंने सवाल उठाया कि सीज़फायर क्यों किया गया, यह बताते हुए कि यह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में हुआ, जिसे प्रधानमंत्री स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
बीजेपी का पलटवार
चव्हाण के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा जवाब दिया है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को भारतीय सशस्त्र बलों से “नफरत” है और वह सेना का मनोबल गिराने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया और 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी।
सरकार ने भारतीय लड़ाकू विमानों के गिराए जाने से जुड़ी रिपोर्टों को पहले ही भ्रामक और संदर्भ से बाहर बताया है, लेकिन चव्हाण के बयान ने इस मुद्दे को एक बार फिर राजनीतिक बहस का केंद्र बना दिया है.