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पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ का संकट: मणिपुर और सिक्किम सबसे अधिक प्रभावित

पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ ने मणिपुर और सिक्किम में गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। मणिपुर में 56,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, और 10,477 घरों को नुकसान पहुंचा है। राहत कार्य जारी है, जबकि भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। जानें इस संकट के बारे में अधिक जानकारी और राहत प्रयासों के बारे में।
 

बाढ़ की गंभीर स्थिति

पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ ने तबाही मचाई है। कई स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं, जबकि बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। नदियां अपने उफान पर हैं, जिससे स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। मणिपुर और सिक्किम में हालात सबसे खराब हैं।


मणिपुर में नदियों के उफान और तटबंधों के टूटने के कारण 56,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बाढ़ ने 10,477 घरों को क्षतिग्रस्त किया है और कुल 56,516 लोग प्रभावित हुए हैं।


लापता व्यक्ति और राहत कार्य

सोमवार को इंफाल ईस्ट जिले में एक व्यक्ति नदी में बह जाने के बाद लापता हो गया। प्रभावित क्षेत्रों से 2,913 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। अधिकारियों ने बताया कि बाशिखोंग में तटबंध टूटने की सूचना मिली है।


बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 57 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश इंफाल ईस्ट जिले में हैं, जो राज्य का सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है।


भूस्खलन और जलमग्न क्षेत्र

पिछले पांच दिनों में राज्य में भूस्खलन की 93 घटनाएं हुई हैं। इंफाल और उसके आसपास के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, क्योंकि उफनती नदियों ने तटबंधों को तोड़ दिया है। खुरई, हेइंगांग और चेकॉन जैसे क्षेत्रों में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।


राज्यपाल का दौरा

मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इंफाल के जलमग्न क्षेत्रों का दौरा किया। सेना और असम राइफल्स के जवानों ने इंफाल ईस्ट जिले में जलमग्न इलाकों से लगभग 800 लोगों को बचाया। राजभवन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि भल्ला ने मुख्य सचिव पी.के. सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ स्थिति का आकलन किया।