पुलवामा हमले पर समाजवादी पार्टी के नेता का विवादास्पद बयान
समाजवादी पार्टी के नेता सनातन पांडे ने पुलवामा आतंकी हमले को भाजपा की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह हमला चुनावी वादों में विफलता को छिपाने के लिए किया गया था। पांडे का यह बयान भाजपा की नीतियों और उनके द्वारा किए गए वादों की असफलता पर सवाल उठाता है। जानें इस विवादास्पद बयान के पीछे की पूरी कहानी और राजनीतिक संदर्भ।
Dec 31, 2025, 13:43 IST
पुलवामा हमले को भाजपा की साजिश बताने वाला बयान
समाजवादी पार्टी के नेता सनातन पांडे ने हाल ही में एक विवादास्पद टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने कहा कि 2019 में हुआ पुलवामा आतंकी हमला भारतीय जनता पार्टी की एक साजिश थी। उनका यह बयान इस संदर्भ में आया है कि भाजपा अपने चुनावी वादों को पूरा करने में असफल रही थी। पांडे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलवामा हमला, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हुए थे, किसी विदेशी साजिश का परिणाम नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला 2019 के चुनावों से पहले भाजपा की योजना का हिस्सा था। 2014 में भाजपा ने दो करोड़ नौकरियों, किसानों की आय दोगुनी करने, महंगाई कम करने और काला धन वापस लाने का वादा किया था, लेकिन पांच साल में इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ।
पांडे ने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि भाजपा ने झूठ बोला है, इसलिए पुलवामा (आतंकवादी हमला) उनकी साजिश का हिस्सा था। यह कोई विदेशी साजिश नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा आज तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि आरडीएक्स कहाँ से आया। उनके पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है और वे संसद में गरीबी पर चर्चा करने में असमर्थ हैं। वे नागरिकों की भावनाओं को भड़काकर सत्ता में आना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले जो घटनाएँ हो रही हैं, उन्हें देखिए। क्या राष्ट्रीय चैनल राष्ट्र के हित में कुछ दिखा रहे हैं? वे एक विशेष समुदाय को निशाना बना रहे हैं।
14 फरवरी, 2019 को एक आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। भारत सरकार का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) द्वारा किया गया था। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत ने 26 फरवरी, 2019 को खुफिया जानकारी के आधार पर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। इस अभियान में बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, प्रशिक्षक और वरिष्ठ कमांडर मारे गए, जिन्हें फिदायीन गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था। बालाकोट स्थित इस शिविर का नेतृत्व जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के बहनोई मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहे थे।