पुलवामा में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई: डॉक्टर उमर का घर ध्वस्त
पुलवामा में सुरक्षा बलों की कार्रवाई
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के कोईल गाँव में सुरक्षा बलों ने तीन नियंत्रित विस्फोटों के माध्यम से डॉक्टर उमर उन-नबी के पैतृक निवास को ध्वस्त कर दिया, जिसे दिल्ली कार ब्लास्ट का 'सुसाइड बॉम्बर' माना जा रहा है। इस कार्रवाई से पहले, परिवार और आस-पड़ोस के निवासियों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। रात 12:30 से 2:30 बजे के बीच, दो मंजिला घर मलबे में बदल गया, जिससे आसपास के कई अन्य घरों को भी हल्का नुकसान हुआ। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जिसमें आतंकवादी गतिविधियों के लिए संभावित स्रोतों की पहचान की जा रही है।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति
देश इस समय एक ऐसे मोड़ पर है जहाँ आतंकवाद से निपटने के लिए पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर अधिक निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है। पुलवामा की इस कार्रवाई को कुछ लोग 'सामूहिक दंड' के रूप में देख रहे हैं, लेकिन वास्तविकता कहीं अधिक जटिल है। आतंकवादियों को यह समझना चाहिए कि उनके कार्यों का परिणाम केवल न्यायालय तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उनके आतंक के आधार, घर, और संरचना को भी नष्ट किया जाएगा। यह नीति इज़रायल, अमेरिका, और फ्रांस जैसे देशों द्वारा अपनाई गई है, और भारत भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
आतंकवादियों की संरचना को ध्वस्त करना
आतंकवादी अपने घरों और संपत्तियों का उपयोग लॉन्च पैड, स्टोरेज स्पेस, मीटिंग पॉइंट और कवर लोकेशन के रूप में करते हैं। जब तक उनकी यह 'सुरक्षा छतरी' सुरक्षित रहती है, उनका नेटवर्क फिर से पनपने की क्षमता रखता है। घरों को ध्वस्त करना केवल 'सज़ा' नहीं है, बल्कि यह आतंक के बुनियादी ढांचे को समाप्त करने का एक तरीका है। डॉक्टर उमर, जिसने दिल्ली में रेड फोर्ट के पास 13 लोगों की जान ली, एक सुनियोजित मॉड्यूल का हिस्सा था। जो लोग उमर के घर को ध्वस्त करने की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि परिवार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि केवल ढांचे को निशाना बनाया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री का बयान
यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के बाद हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसी सजा दी जाएगी कि दुनिया देखेगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी सजा मिलेगी कि भारत में कोई आतंकी हमले की हिम्मत नहीं कर सकेगा। अमित शाह के बयान के कुछ घंटों बाद पुलवामा में आतंकवादी के घर को उड़ाने की खबर आई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति मजबूत है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि ऐसे कदम 'सिर्फ ग़ुस्सा बढ़ाएंगे' और 'अगर घर उड़ाने से आतंक रुक सकता, तो यह बहुत पहले रुक चुका होता।' वहीं, PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती और NC सांसद रूहुल्ला मेहदी ने इसे 'सामूहिक सज़ा' करार दिया। कश्मीरी नेताओं के बयान यह दर्शाते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता नहीं, बल्कि अपने वोट बैंक की फिक्र है। हालांकि, केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त और निर्णायक कार्रवाई जारी रहेगी।