पुरुषों में कम शुक्राणु संख्या: स्वास्थ्य पर प्रभाव और सुधार के उपाय
स्वास्थ्य सुझाव: कम शुक्राणु संख्या की समस्या
स्वास्थ्य सुझाव: वर्तमान तेज़ी से बदलते जीवन में, जहां काम का दबाव और तनाव आम हो गए हैं, कुछ आदतें हमारी सेहत को धीरे-धीरे प्रभावित कर रही हैं। विशेष रूप से पुरुषों के लिए, "कम शुक्राणु संख्या" या चिकित्सा भाषा में ओलिगोस्पर्मिया, एक सामान्य समस्या बन चुकी है।
कम शुक्राणु संख्या: छिपा हुआ खतरा
जब पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या अत्यधिक कम हो जाती है, तो गर्भधारण की संभावना भी घट जाती है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब इसके पीछे हमारी रोजमर्रा की छोटी-छोटी लापरवाहियां होती हैं, जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
जीवनशैली की गलतियाँ जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती हैं
रात भर स्मार्टफोन पर स्क्रॉल करना, नेटफ्लिक्स पर बिंज-वॉचिंग करना, ऑफिस के काम का तनाव, और जिम छोड़ना—ये सभी मिलकर शरीर को थका देते हैं। नींद की कमी, धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन और शारीरिक गतिविधियों की कमी सीधे तौर पर शुक्राणु संख्या को प्रभावित करते हैं।
यह भी देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ शरीर की स्वाभाविक प्रक्रियाओं में बदलाव आता है, जो प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यदि आप 30 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं और अपनी जीवनशैली में सुधार नहीं किया है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
स्वास्थ्य समस्याएँ जो बाधा बन सकती हैं
मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, प्रोस्टेट कैंसर, या टेस्टिकल कैंसर जैसी बीमारियाँ भी प्रजनन क्षमता को कमजोर कर सकती हैं। ये न केवल शुक्राणु उत्पादन को कम करती हैं, बल्कि उनकी गुणवत्ता को भी प्रभावित करती हैं।
एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि अत्यधिक दुबले पुरुषों में भी कम शुक्राणु संख्या पाई गई है। इसका कारण शरीर में पोषण की कमी और हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
खानपान और अनियंत्रित दवाएं: शुक्राणुओं के दुश्मन
यदि आप जिम जाते हैं और बिना डॉक्टर की सलाह के मांसपेशियों को बनाने वाले सप्लीमेंट्स या वजन बढ़ाने वाली दवाएं ले रहे हैं, तो सावधान रहें। ये आपकी प्रजनन क्षमता के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
इसके अलावा, जंक फूड, अधिक तला-भुना खाना और पैकेज्ड फूड जैसे चिप्स, कोल्ड ड्रिंक्स, या रेडी-टू-ईट मील्स... ये सभी शुक्राणु संख्या को धीरे-धीरे कम करते हैं। इसके बजाय, यदि आप अपने आहार में अंडे, मेवे, ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और प्रोटीन युक्त आहार शामिल करते हैं, तो प्राकृतिक रूप से प्रजनन क्षमता बढ़ सकती है।
क्या हस्तमैथुन से शुक्राणु संख्या कम होती है?
यह सवाल हर युवा के मन में आता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हस्तमैथुन और कम शुक्राणु संख्या के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। शरीर में शुक्राणु लगातार बनते रहते हैं और हस्तमैथुन के बाद भी जल्दी रिकवरी हो जाती है।